TDP Leader On Waqf Bill: संसद के हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया, जिसका विपक्षी गठबंधन INDIA ने विरोध किया. वहीं, एनडीए की सत्ता में शामिल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता भी इसको लेकर चिंता जताई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तेलुगु देशम पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव फतुल्लाह मोहम्मद ने विधेयक के कुछ हिस्सों को चिंताजनक बताया और अपनी पार्टी से संसद में इसका समर्थन करने से पहले मुस्लिम नेताओं से सलाह लेने का आग्रह किया. आंध्र प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की संख्या लगभग 12-13% है, इसलिए टीडीपी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रस्तावित विधेयक के विवादास्पद खंडों का समर्थन करके वह समुदाय को नाराज न करे.
‘40 धाराएं वक्फ बोर्ड और मुसलमानों के लिए नुकसानदेह’
इंडियन एक्सप्रेस से हुए बातचीत में उन्होंने कहा, “विधेयक में कम से कम 40 धाराएं ऐसी हैं जो मुसलमानों और वक्फ बोर्डों के कामकाज के लिए हानिकारक हैं. टीडीपी विधेयक का स्वागत करती है लेकिन मसौदा विधेयक में किए गए बदलाव चिंता का विषय हैं. संशोधन का उद्देश्य कानून को मजबूत करना होता है, लेकिन इसके बजाय (वक्फ संशोधन विधेयक के) मसौदे में हम पाते हैं कि सब कुछ कमजोर किया जा रहा है. पांच या छह प्रमुख बिंदु हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है.”
किन चीजों पर है आपत्ति
टीडीपी नेता ने कहा, “सेंट्रल वक्फ काउंसिल में दो मुस्लिम सांसदों को सदस्य बनाने का प्रावधान है. इस नियम को खत्म कर दिया गया है और दो महिलाओं को सदस्य बनाने का प्रावधान किया गया है. हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मुस्लिम होने की बात को खत्म कर दिया गया है. वक्फ बोर्ड का काम मस्जिदों और दरगाहों जैसे धार्मिक स्थानों का दौरा करना है और केवल आस्था के बारे में जानकारी रखने वाले मुसलमान ही कुछ कर्तव्यों को पूरा कर सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “वक्फ न्यायाधिकरण को कमजोर करना, जिसे सरकार नियुक्त करती है और जिसका प्रमुख एक मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश होता है, विवाद का एक और मुद्दा है. ट्रिब्यूनल यह सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण से बचाया जाए. अब, विधेयक जिला कलेक्टरों को अधिकार देता है, जो राज्य सरकार के आदेशों का पालन करने की संभावना रखते हैं. इससे वक्फ भूमि पर "कलेक्टर राज" शुरू हो जाएगा.”
‘टीडीपी चीफ ने चिंताओं को समझा’
उन्होंने कहा, “यह अच्छी बात है कि नायडू हमारी चिंताओं को समझते हैं. उन्होंने विधेयक को संयुक्त समिति को सौंपने की सलाह दी. विजयवाड़ा के सांसद केसिनेनी शिवनाथ और अमलापुरम के सांसद जी एम हरीश भी उन धाराओं पर चर्चा और बहस के पक्ष में हैं जो मुसलमानों के लिए हानिकारक हो सकती हैं और जिनका दुरुपयोग किया जा सकता है.”
टीडीपी नेता ने कहा, “नरसारावपेट के सांसद लावु श्रीकृष्ण देवरायलू संयुक्त समिति का हिस्सा हैं और वे प्रस्तावित संशोधनों पर हमारी राय स्पष्ट करेंगे. आंध्र प्रदेश टीडीपी अल्पसंख्यक सेल विधेयक पर उचित बहस का आग्रह करता है और हमारी पार्टी इस मांग पर हमारा पुरजोर समर्थन करती है.”
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