JPC Meeting On Waqf Board Amendment Bill: वक़्फ़ संशोधन विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने संशोधन विधेयक, 2024 का समर्थन किया है. सोमवार (28 अक्टूबर) को पंजाब वक्फ बोर्ड, हरियाणा वक्फ बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड सहित कई राज्य वक्फ बोर्डों ने जेपीसी को अपने विचार और सुझाव दिया.


सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों ने समिति के समक्ष अपनी प्रेजेंटेशन दौरान एक अनोखा अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि जब कोई सैनिक देश के लिए लड़ता है तो वह हिंदू, मुस्लिम या किसी अन्य धर्म के नाते नहीं, बल्कि एक देशभक्त के तौर पर लड़ता है. इसलिए वक्फ संपत्तियों से कुछ लाभ सैनिकों या उनके परिवारों को आवंटित करने के लिए एक कानूनी प्रावधान करना चाहिए.


उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कहा, "दरगाह, मस्जिद और कब्रिस्तान को छोड़कर, पट्टे पर दी गई वक्फ बोर्ड की बाकी जमीन सैनिकों के परिवारों को दी जानी चाहिए. सैनिक हमारे देश के लिए मरते हैं, वे किसी धर्म या जाति के नहीं होते, वे सभी के होते हैं, उनके परिवारों की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है."


विपक्ष के सांसदों ने इस प्रस्ताव का किया विरोध


इस प्रस्ताव को विपक्षी दलों के कई सांसदों के विरोध का सामना करना पड़ा. विपक्षी सांसदों ने चिंता जताते हुए कहा कि हिंदू या अन्य धार्मिक संदर्भों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. जवाब में, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने सुझाव दिया कि अन्य धर्मों के साथ समानताएं खींचने के बजाय, वे एक नया मानक शुरू किया जा सकता है.


‘सीबीआई जांच के प्रावधान को किया जाए शामिल’


अपनी प्रस्तुति के दौरान, बोर्ड ने बिल का पुरजोर समर्थन किया, विशेष रूप से पारदर्शिता और महिलाओं के समावेश पर इसके फोकस पर प्रकाश डाला. उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड ने ये भी सिफारिश की है कि विवादित संपत्तियों के संबंध में, जहां आवश्यक हो, वहां सीबीआई जांच के प्रावधान शामिल किए जाएं.


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