वक्फ संशोधन विधेयक को संसद के सत्र के दौरान सोमवार, 5 अगस्त को पेश नहीं किया जाएगा, पहले कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार इसे सोमवार को पेश कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, विधेयक को सबसे पहले राज्यसभा में पेश किया जाएगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी हफ्ते विधेयक के राज्यसभा में पेश कर दिया जाएगा.


इस विधेयक में मौजूदा कानून में 40 बदलाव शामिल हैं. इसमें सबसे अहम बदलाव बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्ति के रूप में नामित करने से पहले भूमि को वेरिफाई करवाना जरूरी हो सकता है.


वहीं अलग-अलग राज्य बोर्ड द्वारा जिन भूमि पर दावा किया है, उसका नए सिरे से वेरिफिकेशन करवाना होगा. इसके अलावा, संशोधनों से वक्फ बोर्डों में महिलाओं को शामिल करना अनिवार्य हो जाएगा.


और क्या हो सकते हैं प्रस्तावित बदलाव?


वक्फ संशोधन विधेयक को शुक्रवार, 2 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. विधेयक में वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन का प्रस्ताव किया जा सकता है. संशोधन के जरिए वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित किया जाएगा. बता दें 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी थीं. वहीं बोर्ड की संरचना में परिवर्तन का प्रस्ताव किया जा सकता है.


क्या है वक्फ बोर्ड?


वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है. वक्फ को दान का एक रूप माना जाता है. बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड हैं. वक्फ मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए दी गई संपत्ति है. संपत्ति और संपत्ति से हुए मुनाफे को हर राज्य के वक्फ बोर्ड प्रबंधन करते हैं. 1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने वक्फ अधिनियम पारित किया था. सरकार ने 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना की. 1995 में, प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के गठन की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन किया गया है. वक्फ बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि वक्फ संपत्ति से उत्पन्न आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए किया जाए.


कितनी है वक्फ बोर्ड की संपत्ति?


वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है. देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं. सशस्त्र बलों और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास भारत में तीसरे स्थान पर सबसे ज्यादा भूमि है.


 


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