यूपी: दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल की तर्ज पर यूपी के मेरठ में वॉर मेमोरियल बनने जा रहा है. ये वॉर मेमोरियल जानवरों के सम्मान में बनाया जा रहा है. जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान की कुर्बानी दी. विशेष तौर पर कश्मीर में विषम परिस्थिति में बहादुरी की मिसाल पेश की. वॉर मेमोरियल घोड़े, खच्चर और कुत्तों को समर्पित होगा जिन्होंने लड़ाई के मैदान पर सेना के साथ कदमताल मिलाया.


वॉर मेमोरियल जानवरों के लिए


देश की खातिर बलिदान देनेवाले जानवरों की स्मृति में बननेवाला वॉर मेमोरिल कुत्तों, घोड़ों और खच्चरों की ट्रेनिंग स्थल पर बनेगा. वॉर मेमोरियल स्थल पर 300 कुत्ते,  350 हैंडलर, कुछ घोड़ों के नाम और उनकी सेवा को अंकित किया जाएगा. उनमें से 25 ऐसे कुत्तों की संख्या रहेगी जिन्होंने जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व में आतंक विरोधी अभियान में अपनी जान की आहूति दी थी.


ऐसे जानवरों में मानसी नामक लैबराडोर कुत्ते का नाम जानवरों की लिस्ट में टॉप पर रहेगा. लैब्राडोर को मरणोपरांत सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था. चार साल पहले कश्मीर में घुसपैठ की जवाबी कार्रवाई के दौरान उसकी जान चली गयी थी. उसके हैंडलर बशीर अहमद को भी उसकी बहादुरी के सम्मान में मरणोपरांत सेना के मेडल से नवाजा गया था. बशीर अहमद का नाम भी मेमोरियल की दीवारों पर लैब्राडोर के साथ अंकित किया जाएगा.


दीवारों पर जानवरों का नाम होगा अंकित


सेना में इस समय 1500 घोड़े, 1000 कुत्ते और 500 खच्चर अपनी सेवा दे रहे हैं. 2020 में पांच लैब्राडोर को सेना की सहायता करने पर प्रशस्ति पत्र दिया गया था. पिछले साल उन्होंने कश्मीर में आतंकवादियों का पीछा कर पता लगाने में सेना की मदद की थी तो वहीं उत्तर पूर्व में विस्फोटकों का जखीरा सूंघकर उन्होंने ढूंढ निकाला था.


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