Amritpal Arrest: वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को 37 दिनों की तलाश के बाद 23 अप्रैल गिरफ्तार कर लिया गया जिसके बाद गुरुवार (27 अप्रैल) को उनके परिवार के सदस्य उनसे मिलने जेल पहुंचे. अमृतपाल के चाचा ने डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में उनसे मुलाकात की.


अमृतपाल सिंह के चाचा सुखचैन सिंह के साथ वारिस पंजाब डे संगठन से जुड़े 9 अन्य बंदियों के परिवार के 12 सदस्यों ने भी मुलाकात की. दरअसल, अमृतपाल सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया और उन्हें असम ले जाया गया.


वकीलों की एक टीम ने...


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य वकील भगवंत सिंह सियालका के नेतृत्व में वकीलों की एक टीम ने पंजाब में अधिकारियों से मिलने की इजाजत मांगी थी. जिसके बाद अमृतपाल और उनके 9 सहयोगियों से मिलने के लिए परिवार के सदस्यों को भेजा गया.


एनएसए के आरोपों को हटाना सुनिश्चित करेंगे


वीकल ने कहा, 'अमृतपाल उत्साह में हैं. उनके चाचा सुखचैन सिंह ने उनसे मुलाकात की. अन्य सिख युवकों के परिवार के सदस्यों को भी उन्हें देखकर खुशी हुई. हम बिना किसी आधार के सिख युवकों पर लगाए गए एनएसए के आरोपों को हटाना सुनिश्चित करेंगे. अगर हमें निचले स्तर पर न्याय नहीं मिला तो हम हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.


अमृतपाल ने लिखा पत्र


वहीं, जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने अपने वकील को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा, वो जेल में भी ऊर्जा और आशावादी महसूस कर रहे हैं. अमृतपाल ने जेल में अपने वकील भगवंत सिंह सियाल्का को गुरमुखी में लिखा एक पत्र सौंपा, जिसमें उसने कहा, ‘‘ईश्वर   कृपा से मैं यहां भी ऊर्जा से भरपूर और आशावादी हूं’’ अपने संगठन के सदस्यों के खिलाफ मामलों का जिक्र करते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार पर ज्यादती करने और सिखों के खिलाफ ‘‘कई फर्जी मामले’’ दर्ज करने का आरोप लगाया.


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