Waris Punjab De Biography: कौन हैं अमृतपाल सिंह, जिसके करीबी की गिरफ्तारी पर अमृतसर में मचा बवाल
Waris Punjab De Chief Amritpal Singh: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को कथित रूप से धमकी देने वाले अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने गुरुवार (23 फरवरी) को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन में हमला बोल दिया.
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Waris Punjab De Biography: पंजाब के अमृतसर में गुरुवार को (23 फरवरी) को बड़ा भारी बवाल हो गया. 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफान (Lovepreet Toofan) की गिरफ्तारी के विरोध में हजारों की भीड़ ने थाने का घेराव किया. हजारों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने बंदूक, तलवार और लाठियां लेकर अमृतसर में थाने पर चढ़ाई कर दी.
भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाई थी लेकिन प्रदर्शनकारी उसे भी तोड़ते हुए अंदर घुस गए. इस घटना में कई पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. हंगामे की सूचना के बाद अमृतपाल भी अजनाला थाने में पहुंच गया. यहां उसकी एसएसपी सतिंदर सिंह के साथ मीटिंग हुई. जिसके बाद उसने लवप्रीत तूफान को छोड़ने के लिए पुलिस को एक घंटे का अल्टीमेटम दिया है. बता दें कि लवप्रीत तूफान को एक व्यक्ति को किडनैप करके उसे बुरी तरह से मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
#WATCH | Punjab: Supporters of 'Waris Punjab De' Chief Amritpal Singh break through police barricades with swords and guns outside Ajnala PS in Amritsar
— ANI (@ANI) February 23, 2023
They've gathered outside the PS in order to protest against the arrest of his (Amritpal Singh) close aide Lovepreet Toofan. pic.twitter.com/yhE8XkwYOO
वहीं पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए अमृतपाल सिंह ने कहा, "प्राथमिकी केवल एक राजनीतिक मकसद से दर्ज की गई थी. यदि वे एक घंटे में मामले को रद्द नहीं करते हैं, तो आगे जो कुछ भी होगा, उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा. उन्हें लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, इसलिए यह शक्ति प्रदर्शन जरूरी था." समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं.
कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल सिंह, अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है. वह 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था और वहां से हाल ही में भारत वापसी की थी. अब वह खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख है. दीप सिद्धू की हाल ही में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. किसान आंदोलन के दौरान लालकिले पर हुई हिंसा में वह भी आरोपी था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तान मूवमेंट को चलाने वाले जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक है. स्वघोषित खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अलग सिख राज्य की मांग करता है और उसको लेकर भड़कीले बयान भी देता है.
विकिपीडिया के मुताबिक, वह सिख धर्म के प्रसार के लिए अमृत संचार अभियान चलाता है. उसने अपना पहला अमृत प्रचार अभियान राजस्थान के श्रीगंगानगर में आयोजित किया था. जिसमें तकरीबन 647 लोगों ने अमृत ग्रहण किया और खालसा सिखों का हिस्सा बने. इसके बाद उसने घर वापसी अभियान शुरू किया. आनंदपुर साहिब में उसने 927 सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों को अमृत ग्रहण कराया. कहते हैं कि इस काम में हरियाणा सरकार के अधीन हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने उसका समर्थन किया था.
अमृतसर में उसने एक और बड़ा अमृत प्रचार अभियान चलाया था, जिसमें पूरे भारत के 1,027 सिखों और हिंदुओं ने अमृतपान किया था और खालसा सिख बने थे. पंजाब में युवाओं में नशे की लत के बढ़ते मुद्दे के जवाब में एक नशा-विरोधी अभियान शुरू किया था. उसकी वजह से तकरीबन 754 युवाओं को नशे की लत से उबरने में मदद मिली है. उसका कहना है कि अमृत संचार से युवाओं में नशामुक्ति आएगी और पूरा राज्य नशे से मुक्त होगा.
केंद्र सरकार को दी थी चुनौती
इंडिया टुडे की रिपोर्ट की खबर के अनुसार, अमृतपाल सिंह ने हाल ही में अपने समर्थकों पर होने वाली छापेमारी पर केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा था, "मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि अगर वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं तो मुझे जगह बताएं. एक तरफ सरकार कह रही है कि वे मुझे ढूंढ रहे हैं, दूसरी तरफ वे जानते हैं कि मैं कहां था. फिर वे झूठ क्यों बोल रहे हैं कि वे छापेमारी कर रहे हैं."
'गृह मंत्री 'हिंदू राष्ट्र' की मांग करने वालों से'
उसने हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को परोक्ष रूप से धमकी दी थी. 19 फरवरी को पंजाब के मोगा जिले के बुद्धसिंह वाला गांव में उसने ये संकेत दिया था. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमृतपाल सिंह ने अपने बयान में कहा, "अमित शाह ने कहा था कि खालिस्तान आंदोलन को नहीं बढ़ने देंगे. मैंने कहा था कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसा ही किया था और अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको नतीजे भुगतने होंगे. अगर गृह मंत्री 'हिंदू राष्ट्र' की मांग करने वालों से यही कहते हैं, तो मैं देखूंगा कि क्या वह एचएम बने रहते हैं."
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