नई दिल्ली/भुनेश्वर: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने वरुण गांधी और सुब्रमण्यम स्वामी को कड़ी चेतावनी दी है. चेतावनी दोनों के बयानों को लेकर जारी की गयी है. इस बार वरुण गांधी कार्यकारिणी से गैरहाजिर भी रहे हैं.


दरअसल इसकी वजह वरुण गांधी के कुछ बड़े बयान हैं, जिसमें उन्होंने मौलिक मुद्दे उठाए हैं, जहां सरकार की नीतियों की आलोचना की बू दिखती है. उन्होंने एक बार कहा था कि किसानों को छोटे-छोटे कर्ज की वजह से आत्महत्या करनी पड़ती है जबकि बड़े-बड़े उद्योगपति बैंकों का हज़ारों करोड़ रुपया लेकर विदेश भाग जाते हैं. वरुण गांधी ने ये ब्यान इंदौर के एक प्राइवेट कॉलेज में 22 फ़रवरी को दिया था.


उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी का ये बयान तब आया था जब बीजेपी पांच राज्यों में चुनाव लड़ रही थी. बीजेपी का मानना है कि वरुण गांधी की ये हरकत बीजेपी को भरपूर नुकसान पहुंचाने के लिए की गई.


सूत्रों के मुताबिक बीजेपी यूपी की जीत के बाद अब वरुण गांधी को सुधरने का एक और मौका दे रही है इसलिए वरुण गांधी को पार्टी के एक बड़े महामंत्री सिर्फ कड़ी चेतवानी देंगे. इसके बाद भी अगर वरुण गांधी ने सरकार और पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान दिए तो पार्टी कड़ा कदम भी उठा सकती है.


सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान वरुण गांधी ने वेमूला का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी. उन्होंने दिल्ली के एक स्कूल में ये कह कर सभी को चौका दिया था कि "वेमुला का सुसाइड नोट पढ़कर उन्हें रोना आ गया था."


रोहित वेमुला की आत्महत्या का मुद्दा सरकार और बीजेपी पर भारी पड़ा था और बीजेपी इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गयी थी. हालांकि बाद में कलेक्टर की रिपोर्ट में ये साफ हुआ कि रोहित वेमुला दलित था ही नहीं.


सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, वरुण गांधी के साथ-साथ सुब्रमण्यम स्वामी के हर मसले पर बयान देने से नाराज हैं. और इसलिए स्वामी को बुलाकर कड़ी चेतावनी देने के आदेश पार्टी अध्यक्ष ने दिए हैं. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की इस चेतवानी से साफ़ है कि उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों में सरकार बनने के बाद बीजेपी अब अनुशासनहीनता बर्दाश्त करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही.