एक्सप्लोरर

क्या कांग्रेस की सरकार के समय आतंकियों को खिलाई जाती थी बिरयानी, पूरी पड़ताल?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार के दौरान आतंकवादियों को बिरयानी खिलाई जाती थी. 

चुनाव का बिगुल बजने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी के सभी बड़े चेहरों ने अलग अलग राज्यों में ताबड़तोड़ रैलियां करनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान के लालसोट पहुंचे थे. यहां पर अपने भाषण के दौरान उन्होंने कांग्रेस को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया. दरअसल उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार में आतंकवादियों को बिरयानी खिलाई जाती थी. 

हालांकि उनका बयान एक तरह से पहले की कांग्रेस सरकार पर ताना जैसा है. माना जा रहा है कि सीएम योगी ने आतंकवाद के मामलों में आरोपियों को सजा दिलाए जाने में हुई देरी को लेकर कांग्रेस की सरकारों पर निशाना साधा है. सीएम योगी और बीजेपी के कई नेता इस मामले को लेकर बिरयानी वाले बयान देकर घेरते की कोशिश करते हैं.

योगी ने अपने भाषण में कहा कि आतंकवादियों के आगे कांग्रेस के लोग घुटने टेक देते थे और कुछ नहीं कर पाते थे. योगी आगे कहते हैं, 'कांग्रेस की करतूत का इस बात से पता चलता है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देखकर राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था. जबकि हम राम हमारे रोम रोम में बसे हुए हैं. हम राम राम बोलकर ही एक दूसरे का अभिवादन करते हैं. ' 

ऐसे में इस रिपोर्ट में योगी आदित्यनाथ की इस आरोप की पड़ताल करने की कोशिश करते हैं. जानते हैं कि क्या वाकई कांग्रेस की सरकार के समय आतंकियों को बिरयानी खिलाई जाती थी... 

जेल में बंद कैदी को बिरयानी खिलाने का मामला सबसे पहले साल 2008 में सामने आया था. उस वक्त आरोप लगाया गया था कि मुंबई में हुए 26/11 के हमले में शामिल आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को जेल में बिरयानी परोसी गई थी.

हालांकि कसाब को फांसी होने के तीन साल बाद यानी साल 2015 में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने स्वीकारा था कि उन्होंने मुकदमे के दौरान इस कहानी को केवल आतंकवादी के पक्ष में बन रहे भावनात्मक माहौल को तोड़ने लिए गढ़ा था.

सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने साल 2015 में जयपुर में हुए आतंकवाद विरोधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और मीडिया दोनों ही जगह इस बात को कह चुके हैं. उनका बयान था, ‘कसाब ने कभी भी बिरयानी की मांग नहीं की थी और न ही सरकार ने उसे बिरयानी परोसी थी. मुकदमे के दौरान कसाब के पक्ष में बन रहे भावनात्मक माहौल को रोकने के लिए मैंने इसे गढ़ा था.’

जिनके देखरेख में दी गई फांसी उन्होंने भी किया इनकार 

सरकारी वकील के बयान के अलावा 1981 बैच की रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी मीरां बोरवणकर ने भी अपनी लिखी किताब में आतंकी अजमल कसाब से जुड़े कई पहलुओं का खुलासा किया है.

उन्होंने अपनी किताब  ‘मैडम कमिश्नर’ में इस बात का दावा किया है कि आतंकी अजमल कसाब को जेल में रहते हुए कभी भी बिरयानी नहीं परोसी गई थी. बता दें कि मीरां बोरवणकर वही आईपीएस अधिकारी हैं जिनकी देखरेख में 2012 में आतंकी कसाब और 2015 में आतंकी याकूब की फांसी दी गई थी. 

जेल में होती थी हाई सिक्योरिटी रहती थी

पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरां बोरवणकर की किताब 'मैडम कमिश्नर' में लिखा गया है कि उस दौरान आतंकवादी कसाब के सेहत के लिए तैनात डॉक्टर उसके खाने को लेकर खासा सतर्क रहते थे. जेल में रहते हुए कसाब को किसी भी तरह की स्पेशल डिश नहीं परोसी गई. 

किताब में लिखा गया है कि जेल में रहने के दौरान कसाब खुद को एक्सरसाइज में व्यस्त रखता था. मैंने शुरू में उससे बात करने कोशिश की लेकिन वह या तो खामोश रहा या मुस्कुराता रहा. हालांकि मुझे जेल के अफसरों से पता चला था कि जब उसे पहली बार लाया गया था तो वह काफी गुस्सैल था.

कौन था कसाब 

26 नवंबर, 2008, इस दिन मुंबई में दस आतंकवादियों ने हमला किया था. इस हमले में 166 लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे. इन दस हमलावरों में सिर्फ एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा जा सका था. जिसे 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी दे दी गई थी. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कसाब, पाकिस्तान के फरीदकोट के ओकारा का रहने वाला था और वह पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था. उसे पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ट्रेनिंग दी गई थी.

क्या जेल मैनुअल में होता है बिरयानी खिलाना

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में जेलों के संचालन का अधिकार राज्यों के पास होता है. इसलिए जेल में क्या खाना मिलेगा ये राज्य सरकार ही तय करती है. साल 2015 में आए  NCRB (National Crimes Record Bureau) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य सरकार औसतन एक कैदी के खाने के लिए 52.42 रुपये खर्च करती हैं. जिसमें कैदियों को ब्रेकफास्ट सहित 3 बार का खाना खिलाया जाता है. 

एनसीआरबी की ही रिपोर्ट के अनुसार, नागालैंड और जम्मू कश्मीर की सरकार कैदियों के खाने पर सबसे ज्यादा खर्च करती हैं. जबकि दिल्ली, गोआ, महाराष्ट्र की सरकार में सबसे कम. गृह मंत्रालय के मॉडल प्रिजन मैनुअल के दिशा निर्देशों के अनुसार जेल में बंद पुरुष कैदी को हर दिन 2320 कैलोरी और महिला कैदी को कम से कम 1900 कैलोरी की  ऊर्जा मिलनी ही चाहिए. अब अलग अलग राज्य की सरकारें इसी आधार पर जेल के खाने का मेन्यू डिसाइड करती हैं.

ज्यादातर जेलों के मेन्यू में ये चीजें शामिल 

ज्यादातर जेलों की थाली में कुछ चीजें एक जैसी ही है. इसमें पतली दाल, 6 रोटियां, साधारण सा चावल शामिल है. हालांकि कुछ जेलों में त्योहार या कुछ विशेष दिनों पर राजमा या कढ़ी भी मिलती है. जेल में सजा काट रहे कुछ कैदी बाहर से भी खाना ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कोर्ट से अनुमति लेनी होती है. 

कैदी को अच्छा भोजन कहां मिल सकता है 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार जेल के कैंटीन के माध्यम से ही कोई कैदी अच्छा भोजन पाने की उम्मीद कर सकता है. जेल में सजा काट रहे हर कैदी को परिवार के सदस्यों से प्रति माह 1,500 रुपये से 2,200 रुपये प्राप्त करने की अनुमति है जिसे वह जेल कैंटीन में खर्च कर सकता है.

कुछ कैदियों को अदालत की अनुमति से घर का बना खाना मिल सकता है. इतना ही नहीं जेल के अंदर घर में बने भोजन की दैनिक सीमा भी 850 ग्राम ही रखी गई है.                                                                                                                                                                                                           

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

इमरजेंसी पर ओम बिरला के बयान से खफा राहुल गांधी, मुलाकात के बाद बोले- 'स्पीकर को ऐसा...'
इमरजेंसी पर ओम बिरला के बयान से खफा राहुल गांधी, मुलाकात के बाद बोले- 'स्पीकर को ऐसा...'
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम  वोटों को अपनी ओर
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम वोटों को अपनी ओर
IND vs ENG: क्या है 250 मिनट रूल? भारत-इंग्लैंड सेमीफाइनल मैच पर इसका क्या पड़ेगा असर; डिटेल में समझिए
क्या है 250 मिनट रूल? भारत-इंग्लैंड सेमीफाइनल मैच पर इसका क्या पड़ेगा असर; डिटेल में समझिए
July Ekadashi 2024: जुलाई में 3 एकादशी का दुर्लभ संयोग, जानें इस माह में कब-कब है एकादशी
जुलाई में 3 एकादशी का दुर्लभ संयोग, जानें इस माह में कब-कब है एकादशी
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Kal Ka Rashifal 28 June 2024 : इन राशिवालों के घर में मां लक्ष्मी लगा देंगी पैसों का अंबारAnupamaa: NEW ROMANTIC PROMO! बारिश में अनुज-अनु का रोमांस! देखिएArvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सुनीता केजरीवाल का बड़ा बयान | Breaking NewsParliament Session: संसद में नया घमासान..सेंगोल हटाने की मांग पर भड़की BJP | Breaking News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इमरजेंसी पर ओम बिरला के बयान से खफा राहुल गांधी, मुलाकात के बाद बोले- 'स्पीकर को ऐसा...'
इमरजेंसी पर ओम बिरला के बयान से खफा राहुल गांधी, मुलाकात के बाद बोले- 'स्पीकर को ऐसा...'
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम  वोटों को अपनी ओर
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम वोटों को अपनी ओर
IND vs ENG: क्या है 250 मिनट रूल? भारत-इंग्लैंड सेमीफाइनल मैच पर इसका क्या पड़ेगा असर; डिटेल में समझिए
क्या है 250 मिनट रूल? भारत-इंग्लैंड सेमीफाइनल मैच पर इसका क्या पड़ेगा असर; डिटेल में समझिए
July Ekadashi 2024: जुलाई में 3 एकादशी का दुर्लभ संयोग, जानें इस माह में कब-कब है एकादशी
जुलाई में 3 एकादशी का दुर्लभ संयोग, जानें इस माह में कब-कब है एकादशी
अगर बारिश की वजह से रद्द हुआ भारत-इंग्लैंड के बीच सेमीफाइनल तो... जानें फिर किसे मिलेगा फाइनल का टिकट
अगर बारिश की वजह से रद्द हुआ भारत-इंग्लैंड के बीच सेमीफाइनल तो... जानें फिर किसे मिलेगा फाइनल का टिकट
abp न्यूज़ की खबर का असर, पटना में नीट पेपर लीक मामले में पहली कार्रवाई, दो गिरफ्तार
abp न्यूज़ की खबर का असर, पटना में नीट पेपर लीक मामले में पहली कार्रवाई, दो गिरफ्तार
महज 4 करोड़ में बनी इस फिल्म ने की थी जबरदस्त कमाई, 'चाची' बन छा गया था ये सुपरस्टार
महज 4 करोड़ में बनी इस फिल्म ने की थी जबरदस्त कमाई, 'चाची' बन छा गया था ये सुपरस्टार
बोनी कपूर ने यमुना विकास प्राधिकरण के साथ नोएडा फिल्म सिटी का समझौता पत्र किया साइन, जल्द शुरू होगा काम
बोनी कपूर ने YEIDA के साथ नोएडा फिल्म सिटी का समझौता पत्र किया साइन
Embed widget