मुम्बई: एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने परिवार सहित भारत की आधिकारिक यात्रा पर है वही दूसरी तरफ दिल्ली और अलीगढ़ को जलाने की वारदातें सामने आई है. दिल्ली में हुई हिंसा में दंगाइयों ने कई घरों, दुकानों, वाहनों को आग के हवाले कर दिया. दिल्ली में हुई हिंसा के पुलिस कांस्टेबल रतनलाल सहित 7 लोगो की मौत हुई है.
दिल्ली में हिंसा की घटनाएं देर शाम होते होते बढ़ गई. दिल्ली में प्रदर्शनकारी जिस तरह से जमा हुआ उसी तर्ज पर मुम्बई में भी महज आधे घंटे के भीतर CAA, NRC विरोध करने वाला गुट जमा हो गए.
सोशल मीडिया पर अलग-अलग ग्रुप में पोस्टर बनाकर प्रदर्शन करियों से मुम्बई के गेटवे ऑफ इंडिया पहुचने की अपील की जाने लगी. चौकाने वाली बात यह कि एक गुट तुरंत गेटवे ऑफ इंडिया और ताज पैलेस होटल के बाहर पहुच गया.
पुलिस ने मौजूद लोगों को घर जाने के लिए कहा
इस घटनाक्रम पर करीबी नज़र रखे मुम्बई पुलिस के डीसीपी संग्राम सिंह निशानदार के निर्देश पर पहले से तैनात पुलिस ने कानूनी कार्यवाई की चेतावनी दी और जमा हो रहे लोगो से घर जाने को कहा.
प्रदर्शनकारी घर ना जाकर गेटवे ऑफ इंडिया से लगभग 4 किलोमीटर दुर मरीन ड्राइव पर पहुच गए. लेकिन डीसीपी निशानदार, अपने अच्छे खासे पुलिस संख्या बल के साथ मरीन ड्राइव पहुच गए.
पुलिस के भारी बंदोबस्त को देखकर प्रदर्शनकारी मोमबत्ती जलाकर बैठ गए. जिसपर ज़ोन के डीसीपी संग्राम सिंह निशानदार ने कहा की, प्रदर्शन की इजाज़त आज़ाद मैदान में है और मरीन ड्राइव की जगह ख़ाली कर दे.
प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया
कुछ समय इंतजार करने के बाद जब प्रदर्शनकारी सहयोग नही कर रहे थे तब मुम्बई पुलिस ने सभी प्रदर्शनकरियों को हिरासत में ले लिया. आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में प्रदर्शनकारी पुलिस हिरासत में थे बावजूद इसके अपने साथी प्रदर्शनकारियो को व्हाट्सएप मेसेज, वायस मेसेज से बुलाकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में पुलिस स्टेशन पहुंचने की अपील कर रहे थे.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पहले गेटवे ऑफ इंडिया और फिर मरीन ड्राइव पर पहुचने वाले अधिकतर लोग वही है जिनपर CAA, NRC के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान शिकायत दर्ज है.
पुलिस टीम इस बात की जांच कर रही है कि किसके इशारे पर रात 12 बजे यह प्रदर्शनकारी सड़क जाम करने ताज पैलेस होटल पहुच गए और आखिरकार इनकी असली मंशा क्या थी?
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