(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
वॉशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने पर मचा बवाल, प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल, केंद्र सरकार ने भी दिया जवाब
कांग्रेस ने आरोप लगाए कि राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 15 फीसदी कर रहे हैं. अब इस मामले पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया है.
Import Duty On Washington Apple: दिल्ली में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी 50 फ़ीसदी से घटकर 15 फ़ीसदी करने की तैयारी में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से यह कमिटमेंट कर दिया है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका को खुश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून महीने में वॉशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी 70 फीसदी से घटाकर 50 फ़ीसदी कर दी थी. अब इसे 15 फीसदी करने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि अगर इसे घटाया गया, तो हिमाचल प्रदेश का पांच हजार करोड़ का उद्योग बर्बाद हो जाएगा.
प्रियंका गांधी ने हिमाचल दौरे पर क्या कहा?
अपने हिमाचल दौरे पर पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इंपोर्ट ड्यूटी काम किए जाने की बात कही. प्रियंका गांधी ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि उन्होंने सुना है कि जी-20 सम्मेलन में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की तैयारी है.
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि केंद्र सरकार अमेरिका के बागवानों के फायदे के बारे में सोच रही है, लेकिन भारतीय बागवानों के बारे में नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बागवानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
मेजबान हो तो नरेंद्र मोदी जैसा। अमेरिका के राष्ट्रपति हिंदुस्तान आते हैं और अपने देश के किसानों के लिए कम इंपोर्ट ड्यूटी का उपहार लेकर चले जाते हैं।
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) September 12, 2023
मोदी जी, अमेरिका के किसानों को उपहार दे रहे हैं और अपने देश के किसानों पर चाबुक चला रहे हैं।
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केंद्र सरकार ने क्या कहा?
इस मामले पर अब केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण सामने आया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि जून 2023 में पारस्परिक रूप से सहमत समाधानों के माध्यम से अमेरिका और भारत के बीच विश्व व्यापार संगठन (WTO) के छह लंबित विवादों को हल करने के निर्णय के साथ भारत ने अधिसूचना संख्या 53/2023 के माध्यम से सेब, अखरोट और बादाम के साथ आठ अमेरिकी मूल के उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क वापस ले लिया है.
सेब और अखरोट पर 20% और बादाम पर 20 रुपये प्रति किलोग्राम का अतिरिक्त शुल्क 2019 में अमेरिका के उत्पादों पर मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) शुल्क पर लगाया गया था, जो अमेरिका के कुछ उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के राज्य संरक्षणवादी उपाय के लिए रीटेलिएटरी टैरिफ (प्रतिशोधात्मक शुल्क) के रूप में लगाया गया था.
भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए इस अतिरिक्त शुल्क को वापस ले लिया है, क्योंकि अमेरिका अपवर्जन प्रक्रिया के तहत स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों को बाजार पहुंच प्रदान करने पर सहमत हुआ है. सेब, अखरोट और बादाम पर मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) शुल्क में कोई कटौती नहीं की गई है. अमेरिकी मूल के उत्पादों सहित सभी आयातित उत्पादों पर क्रमशः 50%, 100% और 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर लागू होता है.
Government clarifies on MFN duty on US apples and walnuts.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2023
MFN rate Rs 100/kg continues to be applicable on US almonds as only additional MFN rate Rs 20/kg is removed. pic.twitter.com/kgyie6XTf7
साल 2018 में बढ़ाई थी इंपोर्ट ड्यूटी
दरअसल, 2018 में स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिका द्वारा आयात शुल्क लगाए जाने पर भारत सरकार ने अमेरिकी एप्पल समेत 28 वस्तुओं पर 20 प्रतिशत रीटेलिएटरी टैरिफ (प्रतिशोधात्मक शुल्क) लगाया था, जिससे अमेरिकी एप्पल पर आयात शुल्क 50 से बढ़कर 70 फीसदी हो गया था.
G-20 शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अमेरिका की यात्रा की तो दोनों नेताओं के बीच साल 2018 में बढ़ाई गई इंपोर्ट ड्यूटी को कम करने पर सहमति बनी. इसी सहमति के बाद वाशिंगटन एप्पल पर बढ़कर 70 फ़ीसदी की गई इंपोर्ट ड्यूटी को दोबारा 50 फ़ीसदी करने का फैसला लिया गया.
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