लखनऊ: कोरोना वायरस के केस लगातार देश में बढ़ते जा रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज़ में हजारों की संख्या में शामिल लोगों को बताया जा रहा है. अब यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने तब्लीगी जमात के लोगों को लेकर बड़ा बयान दिया है.


वसीम रिजवी ने कहा है, ''तबलीगी जमात के उन लोगों का इलाज जेलों की बैरक में किया जाए जो डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बदसलूकी कर रहे हैं. अगर ऐसे लोग बच जाए तो उन पर कोरोना फैलाने की साज़िश के तहत मुकदमा चलाया जाए.''


उन्होंने आगे कहा,'' भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है कि ऐसे कोरोना पीड़ित की मृत्यु पर उसे डॉक्टरों की सलाह पर अंतिम संस्कार के रूप में जला दिया जाए.''


बता दे कि हाल में ही गाजियाबाद, कानपुर के अस्पतालों में इलाज के लिए गए तब्लीगी जमात के लोगों पर वहां की नर्स और डाक्टरों से दुर्व्यहार का मामला सामने आया था. उनपर आरोप है कि वह नर्सों के सामने बिना कपड़ों के घूम रहे थे और अश्लील गाने भी सुन रहे थे. इस खबर के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें उस अस्पताल से निकालकर नीजि अस्पताल में क्वॉरंटीन कराया.


30 प्रतिशत केस तब्लीगी जमात से


केंद्र सरकार का कहना है कि तब्लीगी जमात के कारण देश में 22 हजार लोग क्वॉरंटीन किए गए हैं. सरकार ने कहा कि 30 परसेंट कोरोना केस के लिए तब्लीगी जमात जिम्मेदार है.


क्या है मामला


दरअसल बीते रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. सैंकड़ों लोगों के टेस्ट हुए. इनमें कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस वक्त पूरा इलाका सील कर दिया गया है. इसमें तबलीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है.


दरअसल 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था.स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे. इस वक्त देश में कोरोना वायरस के मद्देनज़र लॉकडाउन लगा है और किसी भी तरह की धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत नहीं है.