The Kerala Story: सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ रिलीज होने के बाद से ही विवादों में घिरी है. इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार 11 मई को गुवाहाटी में अपने कैबिनेट मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों के साथ फिल्म देखी. उन्होंने फिल्म की सराहना की और कहा कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाना कोई समाधान नहीं है. साथ ही सरमा ने लोगों से इसे अपनी बेटियों के साथ देखने आग्रह किया. 


CM सरमा ने कहा कि यह फिल्म केरल में धर्मांतरण और आतंकी समूह आईएसआईएस से भर्ती की जा रही युवा लड़कियों की कहानी बताती है. केरला स्टोरी आतंकवाद को उजागर करती है. यह फिल्म दुनिया में आतंकवाद और जिहाद और धर्म के नाम पर आतंकवादी शिविरों के अंदर क्या चल रहा है, इसका पर्दाफाश करती है. इसमें आतंकवादी समूहों से एक मासूम महिला को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किए जाने की कहानी दिखाई गई है.






लड़कियों के इस्तेमाल के खिलाफ उठानी चाहिए उठानी चाहिए
सरमा ने कहा कि फिल्म इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के बारे में बात कर रही है. साथ ही यह मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. सीएम ने आगे कहा कि इस फिल्म का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. यह फिल्म आतंकवाद के असली डिजाइन को ही उजागर करती है, जो हमारे देश में है. असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल के लोगों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, आतंकवादी संगठनों द्वारा मासूम लड़कियों के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.


सरमा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर लोगों के कुछ वर्ग जो केरल के निर्दोष लोगों के मन में एक कहानी बताने की कोशिश कर रहे हैं. सरमा ने अपने राज्य की तुलना भी की और कहा कि लड़कियों के आतंकवाद में शामिल होने के मामले असम में न के बराबर हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि जहां लड़कियों को धर्मांतरित किया गया था और उन्हें अपना धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया गया था क्योंकि वे किसी से प्यार में पड़ गई थीं. 


हिंदू समूहों से मिल रही है प्रशंसा
सरमा ने आगे कहा कि धर्म की रक्षा करो और सभ्यता की रक्षा करो जिससे तुम एक अच्छा जीवन जीवन जी सके. इसके अलावा मैं भारत के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वे केरला स्टोरी को अपने परिवारों के साथ देखें, खासकर अपनी बेटी के साथ. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में सुदीप्तो सेन निर्देशित फिल्म को अपने राज्य में दिखाए जाने पर रोक लगा दी है. ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही यह फिल्म विवादों में घिर गई है. इसको लेकर आलोचकों का दावा है कि यह मुसलमानों को एक समुदाय के रूप में बदनाम करती है. दूसरी ओर, फिल्म को कई बीजेपी नेताओं और हिंदू समूहों से प्रशंसा मिल रही है.


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