Bathed Street Water: सड़कों के गड्ढे आखिर किस प्रकार यात्रियों और अन्य लोगों का जीना मुश्किल करते हैं. अधिकारियों को यह बताने के लिए केरल के मलप्पुरम में लोगों के एक समूह ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. मलप्पुरम के पांडिक्कड ग्राम पंचायत के निवासी नजीम और उनके कुछ दोस्त अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़क के गड्ढों में भरे पानी से नहाये. जबकि क्षेत्र के विधायक मौके से गुजर रहे थे. इस पूरे प्रकरण की वीडियो हाथों हाथ वायरल हो रही है.


सोशल मीडिया पर हो रही तारीफ


वीडियो में नजीम एक गड्ढे में बैठे दिख रहे हैं. इस दौरान मंजेरी विधायक यूए लतीफ इन गड्ढों से होकर गुजर रहे थे. जैसे ही विधायक ने इन युवकों के प्रदर्शन को देखा. वह उनसे बात करने के लिए अपनी कार से नीचे उतर आए. हालांकि, इस दौरान नजीम ने बात करने से इंकार कर दिया. अपना प्रतीकात्मक विरोध दर्ज करने के लिए विधायक के सामने नजीम योग मुद्रा में खड़ा हो गया. सोशल मीडिया पर उनकी इस हरकत की जमकर तारीफ हो रही है.


नजीम ने बताया कि उनका मकसद विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन करना है. ताकि हकीकत जनता और संबंधित अधिकारियों को दिख सके. उनमें से कम से कम 10 लोगों ने मलप्पुरम के विभिन्न हिस्सों में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई. जहां पिछले तीन महीनों से सड़कों की स्थिति अधिक खराब हो गई थी. जबकि बारिश ने खराब सड़कों की स्थिति और भी दयनीय बना दी है.






कलेक्टर मूकदर्शक नहीं रह सकते: केरल हाईकोर्ट (HC)


केरल उच्च न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को राज्य में सभी सड़कों पर रखरखाव का काम एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है.


अदालत ने सभी जिला कलेक्टरों को सड़कों पर गड्ढों के लिए जिम्मेदार इंजीनियरों और ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों के प्रमुख के रूप में जिला कलेक्टरों की भी जिम्मेदारी है कि वे सड़कों की स्थिति बेहतर बनाएं. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने पूछा कि क्या अधिकारी अंतिम रूप से कार्रवाई करने के लिए मृत्यु होने का इंतजार कर रहे हैं. न्यायाधीश ने टिप्पणी भी की है कि कलेक्टर मूकदर्शक नहीं रह सकते.


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