VIDEO: समुद्र में बढ़ी Indian Navy की ताकत, जहाज को नेस्तनाबूद करने वाली Missile का हेलिकॉप्टर से किया परीक्षण
Anti Ship Missile: डीआरडीओ और इंडियन नेवी ने बुधवार को ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) चांदीपुर से नौसेना के एक हेलीकॉप्टर से दागी गई स्वदेशी एंटी शिप मिसाइल का पहला कामयाब परीक्षण किया.
डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और इंडियन नेवी ने बुधवार को ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) चांदीपुर से नौसेना के एक हेलीकॉप्टर से दागी गई स्वदेशी एंटी शिप मिसाइल का पहला कामयाब परीक्षण किया. डीआरडीओ के सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
उन्होंने कहा कि अभियान ने अपने सभी मकसदों को पूरा किया, यह भारतीय नौसेना के लिए विकसित की गई हवा से प्रक्षेपित पहली स्वदेशी जहाज रोधी मिसाइल प्रणाली है. मिसाइल पहले से निर्धारित अपने मार्ग पर आगे बढ़ी और पूरी सटीकता के साथ लक्ष्य तक पहुंच गई.
डीआरडीओ ने सभी प्रणालियों के प्रदर्शन को संतोषजनक बताते हुए कहा कि परीक्षण रेंज में सेंसर लगाए गए थे और मिसाइल के रास्ते की निगरानी की गई.
#IndianNavy in association with @DRDO_India successfully undertook maiden firing of the first indigenously developed Naval #AntiShip Missile from Seaking 42B helo, today #18May 22 at ITR, Balasore.#AatmaNirbharBharat #MaritimeSecurity@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/3AA0F3kIsS
— SpokespersonNavy (@indiannavy) May 18, 2022
मिसाइल में कई नई तकनीक शामिल की गई है, जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल है. मिसाइल प्रणाली में अत्याधुनिक दिशासूचक और एकीकृत एवियोनिक्स भी शामिल हैं. उड़ान परीक्षण को डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहली प्रयोगात्मक उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और संबंधित टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत ने मिसाइल प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की क्षमता हासिल कर ली है.
#DRDOforIndia |Naval Anti Ship Missile successfully flight tested today from ITR, Chandipur. This is the first indigenous air launched Anti-Ship Missile system for @indiannavy.@PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD#Aatmanirbhardefencehttps://t.co/pjI8hZBkdo pic.twitter.com/lYWSdmbZ0l
— DRDO (@DRDO_India) May 18, 2022
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने परियोजना टीम के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने परियोजना में सहयोग के लिए भारतीय नौसेना और नौसेना उड़ान परीक्षण स्क्वॉड्रन की सराहना की और कहा कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को मजबूत करेगी.
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