1957 High School Student Debate: इंटरनेट पर एक भारतीय छात्र का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो 1957 में हुई एक हाई स्कूल की डिबेट का है, जब यूनाइटेड किंगडम की एक प्रतिनिधि को ब्रिटिश साम्राज्य पर लेक्चर दिया गया था और बताया गया था कि उन्‍होंने कैसे भारत को 200 साल तक लूटा था. यह डिबेट 'पूर्वाग्रह' के टॉपिक पर हुई थी. डिबेट में पाकिस्तान का एक छात्र भी शामिल था.


बरसों पुरानी डिबेट के इस वीडियो को आज उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर शेयर किया. वीडियो शेयर करते हुए उन्‍होंने सवाल उठाया कि उस छात्र का क्या हुआ जिसने यूनाइटेड किंगडम की प्रतिनिधि (Sara Chatt) को इस बात पर आड़े हाथों लिया कि भारत यूनाइटेड किंगडम का दोस्त है.


ब्रिटिश प्रतिनिधि का मुंह बंद करने वाले भारतीय छात्र का वीडियो वायरल
बता दें कि उस डिबेट में नजर आए भारतीय छात्र का नाम गोपीनाथ था. गोपीनाथ की कही गई बात सुनकर ब्रिटिश प्रतिनिधि चुप रह गई थी. ऐसे में आनंद महिंद्रा ने गोपीनाथ का वीडियो शेयर किया तो उन्‍होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से गोपीनाथ के बारे में और जानने की कोशिश की. उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "मुझे यह सोशल मीडिया पर नजर आया है. किसी को इतने जोरदार तरीके से भारत का समर्थन करते हुए देखना आश्चर्यजनक है! शशि थरूर मुझे यकीन है कि आपने इसे देखा होगा और शायद ये भी जानते होंगे कि बाद में गोपीनाथ का क्या हुआ ..."


आनंद महिंद्रा ने शशि थरूर से पूछा- गोपीनाथ अब कहां है?
आनंद महिंद्रा के ट्वीट के जवाब में थरूर ने कहा, "हां आनंद मैं जानता हूं. वो स्पीकर अब रिटायर्ड हो गए हैं और गुमनामी में रह रहे हैं." एक अन्‍य ट्वीट में थरूर ने आगे कहा, "मैं तब पैदा ही हुआ था! और मैं चश्मे वाले उस भारतीय छात्र को जानता हूं, जो आगे चलकर इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन में एक स्टार ऑफिसर बना. वह अब रिटायर्ड हो गया है और गुमनामी में रह रहा है."






जानिए इस वीडियो में क्‍या है?
इस वीडियो में डिबेट के टॉपिक को परिभाषित करते हुए, गोपीनाथ कहते नजर आ रहे हैं, "पूर्वाग्रह रखना सोची-समझी अज्ञानता है. यह केवल भावना से तय होता है और इससे जो भय और संदेह पैदा होता है, वह हमारी सोच से कहीं अधिक नुकसान पहुंचाता है." उन्‍होंने कहा, "एंग्लो सक्सोंस मैग्ना कार्टा के पहुंचने से पहले 3,000 साल पहले खाल पहने हुए घूम रहे थे, जिसे अंग्रेजों ने सिंधु नदी घाटी में इतिहास की शुरुआत माना था." उन्होंने कहा कि यह केवल भारतीय लोगों की जिम्मेदारी है न कि अंग्रेजों की, जो भारत अभी भी ब्रिटेन के साथ सौहार्दपूर्ण है और अच्छे संबंध बनाए हुए है. इसी दौरान गोपीनाथ ने ब्रिटिश साम्राज्य के शोषण के बारे में भी बात की.


'ईसा के जन्म से 3,500 साल पहले भी था लोकतंत्र'
सारा चैट ने दोनों छात्रों से फिर 'भौतिक संपदा' पर सवाल किया. उसके जवाब में गोपीनाथ ने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य एक दिन भी नहीं चल पाता अगर भारत में ये न होता. उसके बदले में, ब्रिटेन ने हमें "लोकतांत्रिक तरीके से जीने का एक अस्पष्ट ढंग" सीखने पर मजबूर किया. गोपीनाथ ने पंचायत प्रणाली का उदाहरण भी दिया और कहा किया कि भारत में "ईसा मसीह के जन्म से 3500 साल पहले" लोकतंत्र था.


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