दिल्ली पर मंडरा रहा है जलसंकट, यमुना नदी में जिस जगह 1 हफ्ते पहले तक कई फीट ऊंचा पानी भरा हुआ था आज उसी जगह सूखी ज़मीन नज़र आ रही है. करीब 1 हफ्ते पहले वज़ीरबाद बैराज के उस हिस्से में जहां से हरियाणा का पानी आता है वहां कई फीट ऊंचा भरा हुआ था लेकिन आज की उसी जगह सूखी ज़मीन नज़र आ रही है.


दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर हो रही राजनीति के बीच दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि हरियाणा सरकार ने दिल्ली की पानी की आपूर्ति को रोका है जिसके चलते दिल्ली में जलसंकट खड़ा हो गया है. दिल्ली जलबोर्ड की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वजीराबाद पॉन्ड पर यमुना नदी का स्तर 674.5 फीट होना चाहिए. जबकि अब यमुना का जल स्तर घटकर 667 फीट पर आ गया है, यानि की पूरी नदी सूख गई है.


ये संकट कितना बड़ा है इसकी पड़ताल के लिए ABP न्यूज़ की टीम वज़ीराबाद बैराज के उस हिस्से में पहुंची जहां यमुना नदी में हरियाणा की ओर से पानी आता है. यहां की तस्वीरें परेशानी पैदा करने वाली थीं. करीब 1 हफ्ते पहले ठीक इसी जगह पर यमुना में जलस्तर की जो स्तिथि थी अभी की तस्वीर उससे एकदम उलट है. महज़ एक हफ्ते में पानी से भरी हुई नदी सूखी पड़ी है.


जो स्तिथि यमुना की अभी है वो मैंने आजतक कभी नहीं देखी- शेखर


यमुना वॉटर स्पोर्ट्स क्लब में 7-8 साल से वॉटर स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने वाले शेखर का कहना है कि, “जो स्तिथि यमुना की अभी है वो मैंने आजतक कभी नहीं देखी है. न तो खेती के लिए पानी है और हम प्रैक्टिस करते हैं वो भी नहीं हो रही है अभी क्योंकि कम से कम 2-3 फीट पानी चाहिए होता है वो अभी नहीं है यहां पर. पिछले शुक्रवार से पानी की यही स्तिथि है करीब 8-9 फीट पानी नीचे चला गया है. बहुत दुखद स्तिथि है अगले महीने हमारी एशियन चैंपियनशिप के लिए ट्रायल हैं वो हम अब ऑफ सीज़न ट्रेनिंग करके ही दे पाएंगे. हरियाणा से पानी खुलता है तो पानी होता है वहाँ से बन्द है तो नहीं आ रहा.”


नदी के बचे हुए पानी में ही मछुआरे मछली पकड़ने की कोशिश करते भी नज़र आये. कई सालों से यमुना में मछली पकड़ने आ रहे नजीमुद्दीन का कहना है कि, “बीते 1 हफ्ते में पानी करीब 8-9 फीट नीचे चला गया है. अब पूरी तरह से पानी सूख गया है, मिट्टी दिख रही है बस. मैं 1999 से यहां आ रहा हूं आज तक ऐसी स्तिथि कभी नहीं देखी मैंने, यमुना पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. जो पानी दिख रहा है ये यो कुछ भी नहीं है, बैराज के गेट के पास पानी बिल्कुल नहीं है खाली हो गया है.”


दिल्ली जलबोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक यमुना में पानी न होने के चलते तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है.


1- वजीराबाद प्लांट की क्षमता 135 एमजीडी के घटकर 80 एमजीडी हो गई है


2- चंद्रवाल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी पर पहुंच गई है


3- ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी रह गई है


हरियाणा से आने वाला पानी रुकने से सबसे ज़्यादा असर वज़ीराबाद वॉटर प्लांट पर पड़ा है. वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के इंजीनियर्स से मिली जानकारी के मुताबिक प्लांट में पानी का स्तर तब सामान्य माना जाता है जब पॉन्ड फुल रहता है. पॉन्ड को फुल करने के लिए 450 क्यूसेक पानी होना चाहिए लेकिन अभी 330 क्यूसेक पानी आ रहा है. यानी पॉन्ड फुल करने के लिए 120 क्यूसेक की ज़रूरत है.


पानी 213 क्यूसेक के करीब कम है


दरअसल हरियाणा दिल्ली को DSB (दिल्ली सब ब्रांच), CLC (कैरियर लाइन्ड चैनल) और रिवर यमुना से पानी सप्लाई करता है. इंजीनियर्स से मिली जानकारी के मुताबिक तीनों चैनल को मिलाकर करीब 1133 क्यूसेक हरियाणा से दिल्ली तक आना चाहिए जिसमें BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) का हिस्सा भी शामिल है. आजकल ये आंकड़ा 920 क्यूसेक के करीब है जो कम-ज़्यादा होता रहता है. यानी पानी 213 क्यूसेक के करीब कम है जिसकी वजह से दिल्ली में बहुत एरिया में पानी की कमी हो रही है.


वज़ीराबाद वॉटर प्लांट का मुआयना करने पहुंचे दिल्ली जलबोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा का दावा है कि 1965 के बाद वज़ीरबाद बैराज में पहली बार यमुना का पानी इतना नीचे आया है. राघव चड्ढा का कहना है कि, “हरियाणा सरकार ने कानूनी तौर पर जो दिल्ली वालों के हक का पानी है वो रोक लिया है जिसके चलते यमुना के पानी का स्तर घट गया है. ये रिवरबेड जो पानी से पूरा भरा रहता था वहां पर आज लोग क्रिकेट खेल सकते हैं. प्लांट में साढ़े 7 फुट नदी का स्तर घट गया है. जहां पानी है वहां सिर्फ डेढ़ 2 फुट की नदी की गहराई है. 120 mgd पानी कम हो गया तो कैसे काम चलेगा.”


राघव चड्ढा का कहना है कि, “दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह इसमें हस्तक्षेप करें. वरना आज के समय मे वेस्ट दिल्ली साउथ दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली में जलसंकट खड़ा हो गया है. जिसमें प्रधानमंत्री का निवास, राष्ट्रपति भवन, अंतर्राष्ट्रीय दूतावास, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट सब आता है. इसे निपटने के लिये हमने हरियाणा सरकार से बात की है, सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है, ज़मीन पर ज़्यादा वॉटर टैंकर्स चलाने शुरू किया है जिन इलाको में पानी अभी ठीक आ रहा है वहां से वॉटर टैंकर हटाकर दिक्कत वाले इलाकों में भेज रहे हैं.”


यहां 7-8 दिन से पानी सूख गया है- स्थानीय लोग


दिल्ली में वज़ीराबाद बैराज के पास यमुना बिल्कुल सूखी हुई स्तिथि में है. यमुना की ऐसी स्तिथि कहां तक है ये जानने के लिए ABP न्यूज़ की टीम ने हरियाणा की ओर से आने वाले पानी के इलाकों की पड़ताल की. हरियाणा से आने वाला पानी दिल्ली में सीमावर्ती गांवों से होता हुआ वज़ीराबाद बैराज की ओर आगे बढ़ता है. दिल्ली में पल्ला गांव में जहां हरियाणा से पानी आता है वहां भी यमुना की स्तिथि वज़ीरबाद जैसी ही नज़र आई. नदी सूखी हुई है और रिवरबेड नज़र आ रहा है. पल्ला गांव के पास बने बांध के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि यहां 7-8 दिन से पानी सूख गया है. हालांकि करीब 1 हफ्ते पहले ऐसी स्तिथि नहीं थी हरियाणा के पीछे से पानी रोकने की वजह से नदी सूख गई है. जो पानी दिख भी रहा है वो नालों का पानी है. दहिसरा गांव जो बॉर्डर पर पड़ता है वहां तक पानी ऐसा ही सूखा पड़ा है.


यमुना पर लंबे समय से रिसर्च कर रहे पर्यावरणविद मनोज मिश्रा का कहना है कि वज़ीरबाद पॉन्ड की वर्तमान स्तिथि बहुत ही आश्चर्यजनक है. अगर गर्मी का मौसम हो और उस समय कम पानी रहे तब समझ आता है लेकिन इस समय जब पहाड़ों में बादल फट रहे हैं और बाढ़ की स्तिथि बन गई है ऐसे समय में दिल्ली के पीने के पानी का शेयर वज़ीरबाद बैराज में न पहुंचना बहुत ही आश्चर्यजनक बात है. इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं वह तो दिल्ली जल बोर्ड ही बता पायेगा. लेकिन सामान्यतः ऐसी स्तिथि बननी नहीं चाहिए थी.


मनोज मिश्रा ने बताया कि यमुना वॉटर को लेकर वॉटर शेयरिंग का एक अग्रीमेंट है जिसमे दिल्ली हरियाणा और बाकी राज्य जैसे यूपी हिमाचल उत्तराखंड इन सबमे 1994 में एक अग्रीमेंट हुआ था जिसका 2024 में रिविज़न होना है. इसका सबसे अच्छा समाधान ये है कि आपस मे बातचीत करें और अगर वाकई हरियाणा में कोई वजह है ऐसी है कि वो पूरा पानी नहीं छोड़ पा रहे हैं तो उनको पहले से ही एक वार्निंग सिग्नल दिल्ली को देना चाहिए. लेकिन ऐसा अचानक करना ठीक नहीं है. इसलिये 2024 में जब ये अग्रीमेंट रिवाइज़ हो तो ध्यान रखना होगा कि ये स्तिथि फिर न हो. ये भी ध्यान रखना होगा कि किस तरह यमुना में अपना प्राकृतिक प्रवाह वापस आए.


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