नई दिल्ली: पानी की गुणवत्ता पर 21 शहरों की रैंकिंग आने के बाद अब सरकार साफ पीने के पानी की मुहिम और तेज करने जा रही है. गुणवत्ता की रिपोर्ट पर अमल के लिए भारतीय मानक ब्यूरो यानि बीआईएस ने सभी राज्यों की बैठक बुलाई है. 9 दिसम्बर को दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक में सभी राज्यों में जल आपूर्ति से जुड़े विभागीय अधिकारियों को बुलाया गया है. एक दिन कि इस कार्यशाला का मकसद पानी की रिपोर्ट की रोशनी में पैदा हुए मुद्दों पर चर्चा कर दिल्ली समेत पूरे देश में साफ पीने का पानी मुहैया करवाने की रूप रेखा तैयार करना है.


पासवान ने केजरीवाल को भी आने का निमंत्रण दिया-

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर इस बैठक में आने का निमंत्रण दिया है. नियम के मुताबिक दिल्ली का मुख्यमंत्री ही दिल्ली जल बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है. बीआईएस की रिपोर्ट में देश के 21 शहरों में दिल्ली का पानी सबसे गंदा पाया गया था. जिसे लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान के बीच कई दिनों से तनातनी चल रही है. पासवान ने अपने पत्र में एक बार फिर केजरीवाल से केंद्र और दिल्ली सरकार की संयुक्त टीम बनाकर पानी की जांच की मांग की है.

साफ पानी का मानक तय करने पर चर्चा संभव

बैठक में कई अन्य विषयों के अलावा जिस एक मुद्दे पर चर्चा की संभावना है उसमें पीने के पानी का मानक अनिवार्य किया जाना भी शामिल है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि सभी राज्यों को अपने यहां पीने के पानी का एक तय मानक अनिवार्य करने पर विचार करना चाहिए. यह मानक भारतीय मानक ब्यूरो ने तय कर रखा है. हालांकि इसे लागू करने का अधिकार राज्य सरकारों को है. अगर कोई राज्य सरकार यह मानक अनिवार्य करती है तो उस राज्य का कोई भी उपभोक्ता गंदे पानी की शिकायत लेकर कोर्ट में जाकर मुआवजे की मांग कर सकेगा.

मुंबई सबसे साफ तो दिल्ली का पानी सबसे गंदा-

बीआईएस की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे. रिपोर्ट में जहां मुंबई का पानी सबसे शुद्ध पाया गया वहीं दिल्ली का पानी पीने के लिहाज से सबसे खराब पाया गया. इसके अलावा कोलकाता, चेन्नई और गांधीनगर जैसे अन्य बड़े शहरों का पानी भी पीने के लिए पूरी तरह साफ और शुद्ध नहीं पाया गया था. रिपोर्ट आने के बाद देश में पीने के शुद्ध पानी को लेकर बहस भी शुरू हो गई है.

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