नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में सप्लाई होने वाला पानी अशुद्ध है. यहां तक कि वीआईपी इलाके में रहने वाले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के घर से लिया गया सैंपल भी फेल हुआ है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) ने आज सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी. इसके बाद कोर्ट ने BIS को राजधानी में पानी की गुणवत्ता सुधारने के उपाय सुझाने को कहा.


13 जनवरी को जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की बेंच ने BIS को दिल्ली में पानी की क्वालिटी पर रिपोर्ट देने को कहा था. आज BIS ने बताया कि उसने 11 जगहों से पानी के सैंपल लिए थे. हर सैंपल की जांच दिल्ली और मुंबई की प्रतिष्ठित लैब में हुई. सभी सैंपल 2012 में तय ISO मानकों के हिसाब से फेल हुए हैं.


BIS ने बताया है कि ज़्यादातर सैंपल में कॉलीफार्म अशुद्धि पाई गई है. इस तरह की अशुद्धि तब आती है जब सप्लाई होने वाले पानी में मानव या पशु मल मिल जाता है. ऐसे पानी को पीने से पेट की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.


केंद्रीय उपभोक्ता मामला मंत्री रामविलास पासवान के आवास 12 जनपथ से लिया गया सैंपल भी स्वच्छ नहीं निकला. उसमें दुर्गंध के साथ एल्युमिनियम और कॉलीफार्म अशुद्धि पाई गई.


इस रिपोर्ट को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी मिलकर पानी की जांच के लिए कहा है. कोर्ट ने BIS से कहा है कि वह दिल्ली में पानी की क्वालिटी बेहतर बनाने के उपाय बताए.