जयपुर: पानी का महत्व राजस्थान के लोगों से बेहतर और कौन समझ सकता है. ख़ासकर पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थली इलाके में तो हमेशा ही पानी का संकट बना रहता है और पानी इकट्ठा करने के लिए लोगों को काफ़ी दूर तक जाना पड़ता है.


बाड़मेर-जैसलमेर में मिला 482 बिलियन क्यूबिक मीटर का जल भंडार


अब पश्चिमी राजस्थान के लोगों के लिए पानी का संकट इतिहास की बात हो सकती है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय के एक प्रयास से इस इलाके की क़िस्मत बदल सकती है. पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करने वाली सरकारी तेल कंपनियों का अनुमान है कि पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर - जैसलमेर क्षेत्र में इतना भूजल है कि 100 सालों तक इन इलाके के लोगों को पानी की किल्लत नहीं होने वाली है. इन कम्पनियों ने अनुमान लगाया है कि इस इलाके की भूमि की गहराई में क़रीब 482 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध होने का अनुमान गई .


साथ आए जलशक्ति और पेट्रोलियम मंत्रालय


दरअसल राजस्थान में पानी के संकट को हमेशा के लिए दूर करने के प्रयास में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय ने हाथ मिलाया है. शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्रालय में जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में मंत्रालय के अधिकारियों ने एक प्रेजेंटेशन दिया. प्रेजेंटेशन में बताया गया कि पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जैसलमेर इलाके में पानी का प्रचुर श्रोत मौजूद है जो इस इलाक़े में अगले 100 सालों के लिए पानी की किल्लत दूर कर सकता है.


खारे पानी को बनाएंगे पीने योग्य


हालांकि अधिकारियों के मुताबिक़ इस पानी के साथ सबसे बड़ी समस्या है इसका खारा होना. अधिकारियों के मुताबिक़ यहाँ के पानी का टीडीएस 1000 से 10000 है. प्रेजेंटेशन में बताया गया कि पेट्रोलियम कंपनियां इस खारे पानी को भूमि से निकालेंगी और पीने योग्य बनाएंगी. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी पेट्रोलियम कंपनियों को निर्देश दिया कि वो जलशक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर भूमि में उपलब्ध 482 बिलियन क्यूबिक मीटर जल को लेकर काम करें. फ़िलहाल राजस्थान में अगले 30 सालों के लिए पानी की उपलब्धता मानी जाती है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक़ बाड़मेर - जैसलमेर में मिला पानी पश्चिम राजस्थान के लिए वरदान साबित हो सकता है.


हर घर को जल का है लक्ष्य

दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की है जिसका लक्ष्य 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है. इसी सिलसिले में पिछले साल नवंबर में पश्चिमी राजस्थान की गहराई में छूपे भूजल को लेकर पेट्रोलियम कंपनियों ने बैठक की थी. वर्तमान में ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसलमेर में पीने का पानी उपलब्ध करा रही हैं, जबकि एचपीसीएल 200 किमी लंबी पाइप लाइन डालकर बाड़मेर रिफाइनरी की टाउनशिप को पीने का पानी मुहैया कराने की योजना बना रही है.