Wayanad Landslides: वायनाड हादसे में पल-पल बढ़ रहा मौत का आंकड़ा! जल प्रलय में गईं 250 जानें | अब तक की बड़ी बातें
Wayanad Landslides: केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में आरोप लगाया कि केरल सरकार ने पूर्व चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, जिसका सीएम विजयन ने जवाब दिया है. यह मुद्दा संसद में भी खूब गूंजा है.
Wayanad Landslides: केरल के वायनाड जिले में सोमवार देर रात भारी बारिश से हुए भूस्खलन में काफी लोग प्रभावित हुए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत देश के कई नेताओं ने इस हादसे पर दुख जताया, लेकिन अब इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि केरल की जनता को मैं आश्वासन देता हूं कि हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
सीएम विजयन का गृह मंत्री को जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री ने इस दौरान कुछ ऐसा कहा जिसे लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्र पर आरोप लगाया है. गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि राज्य सरकार को भारी बारिश के कारण वायनाड में प्राकृतिक आपदा के बारे में 23 जुलाई को ही चेतावनी दे दी गई थी. सीएम पिनराई विजयन ने गृह मंत्री के इस दावे को खारिज किया. उन्होंने कहा कि भूस्खलन से पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जिले के लिए केवल ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह दोषारोपण का समय नहीं है.
'केरल सरकार ने पूर्व चेतावनी की अनदेखी की'
केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में आरोप लगाया कि केरल सरकार ने पूर्व चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और राज्य में एनडीआरएफ की बटालियन के पहुंचने पर भी सतर्क नहीं हुई. उन्होंने कहा, "अगर केरल सरकार एनडीआरएफ की टीम के वहां पहुंचते ही सतर्क हो गई होती और कार्रवाई की होती, तो नुकसान को कम किया जा सकता था. 23 जुलाई को भी 8 एनडीआरएफ के पूरे दल को केरल भेज दिया गया था."
बचावकर्मी तेजी से कर रहे रेस्क्यू
वायनाड के लैंडस्लाइड में बचावकर्मी तेजी से रेस्क्यू करने में जुटी हुई है. यहां भारतीय सेना, एयफोर्स, नेवी, एनडीआरएफ और केरल के स्थानीय प्रशासन मिलकर बचाव कार्य चला रही है. एडीजीपीआई ने ट्वीट कर बताया कि अभी तक एक हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचा लिया गया है. राज्य प्रशासन के कंट्रोल रूम के साथ-साथ मेपड्डी में एक कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया है. अभी भी बचाव कार्य जारी है.
मरने वालों का आंकड़ा 251 पहुंचा
ऑन मनोरमा की रिपोर्ट के मुताबिक वायनाड में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 251 पहुंची गई है. बुधवार को 27 शव मेप्पडी अस्पताल ले जाए गए. इस त्रासदी को देखते हुए वायनाड में सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. एनसीसी में शामिल स्टूडेंट्स स्कूलों में पीड़ितों की मदद के लिए जुटे हुए हैं.
फंसे लोगों को निकालने की प्रक्रिया अभी भी जारी- सेना
दक्षिणी कमान भारतीय सेना ने एक्स पर पोस्ट कर रेस्क्यू ऑपरेशन के वीडियो ओर तस्वीरें जारी की. सेना ने कहा, "त्रिवेन्द्रम से दो अतिरिक्त टुकड़ियां मेपाड्डी पहुंच गई हैं और राहत बचाव कार्य में जुट गई है. चूरलमाला में 190 फीट लंबे पुल के निर्माण के लिए बैंकों की तैयारी पूरी हो गई है और ब्रिजिंग उपकरण जल्द ही आने की उम्मीद है. वायनाड में मेप्पाडी के दक्षिण पश्चिम, वेल्लारीमाला में वनरानी एस्टेट और एला एस्टेट से फंसे लोगों को निकालने की प्रक्रिया अभी भी जारी है."
आज बरामद हुए 83 शव
ऑन मनोरमा की रिपोर्ट के मुताबिक चालियार नदी से बुधवार (31 जुलाई 2024) को 83 शव बरामद किए गए हैं. बारिश की वजह से सेना ने बेली ब्रिज के निर्माण का कार्य रोक दिया है. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार (1 अगस्त 2024) को वायनाड दौरे पर जाएंगे और वहां पीड़ित परिवारों से मिलेंगे.
संसद में गूंजा केरल भूस्खलन का मद्दा
केरल भूस्खलन का मद्दा संसद में भी खूब गूंजा. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में कहा, इस इलाके में ऐसी त्रासदी दूसरी बार आई है. पांच साल पहले भी ऐसे हालात हुए थे. इस इलाके में कुछ न कुछ इकोलॉजिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जिनको देखा जाना चाहिए और जो भी उपचार हो वो किया जाना चाहिए."
बारिश लेकर यहां जारी किए गए अलर्ट
मौसम विभाग ने केरल में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के अनुसार मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. पथनमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है.
बैठे और लेटे हुए अवस्था में निकाले गए शव
केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से तबाह हुए मुंडक्कई गांव में बुधवार सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अभियान के दौरान कई क्षतिग्रस्त मकानों के मलबे में दबे शवों को उसी अवस्था में बाहर निकाला गया, जिस अवस्था में वह दुर्घटना के वक्त घर में थे. बचाव दल ने कुछ शवों को बैठे और लेटे हुए अवस्था में क्षतिग्रस्त घरों से बाहर निकाला, जो ह्रदय विदारक था.
ये भी पढ़ें : 'बंगाल सरकार नहीं देना चाहती खर्चे का हिसाब', टीएमसी सांसदों के आरोपों पर गृह मंत्री अमित शाह का पलटवार