Cloudbursts-Landslides Updates: देश इस वक्त प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है. एक ओर केरल के वायनाड में आए भूस्खलन में सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई है. दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने के बाद जिस तरह से भूस्खलन हुआ है, उसने सभी को डराकर रख दिया है. दिल्ली में भी बारिश से जलजमाव का सामना करना पड़ा है. भारी बारिश और उसकी वजह से आ रही आपदाओं ने इम्तेहान लेना शुरू कर दिया है.
वायनाड की बात करें तो यहां पर अभी तक भूस्खलन की चपेट में आकर 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 225 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकतर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों से हैं. मंत्री का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी ज्यादा परेशानी भी देखने को मिल रही है.
भारी बारिश के अलर्ट के बाद केरल में स्कूल-कॉलेज बंद
त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन सेंटर सहित सभी शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार (2 अगस्त)को बंद रहेंगे. इडुकी और एर्नाकुलम में राहत कैंपों में बनाए गए स्कूलों को भी शुक्रवार को बंद रखा गया है. पलक्कड़ जिला कलेक्टर ने स्कूलों, आंगनबाड़ियों, ट्यूशन सेंटरों और मदरसों में छुट्टी की घोषणा कर दी है. मौसम विभाग ने बताया है कि केरल में पांच अगस्त तक भारी बारिश होने वाली है.
वायनाड में बढ़ रही मृतकों की संख्या
वायनाड में आए भूस्खलन के बाद आज भी वहां राहत-बचाव कार्य जारी है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया है कि अभी तक 308 लोगों की मौत हुई है. ये संख्या तेजी से बढ़ रही है. वायनाड जिला प्रशासन के मुताबिक, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं. 225 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकतर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों से हैं.
छह क्षेत्रों में 40 टीमें लोगों को ढूंढ रहीं
भूस्खलन में लापता लोगों की तलाश का आज चौथा दिन है. छह क्षेत्रों में विभाजित कर 40 टीमें तलाशी अभियान चला रही है. अट्टामाला-अरनमाला, मुंडकाई, सामलीमट्टम, वेल्लारमाला विलेज रोड, जीवीएचएसएस वेल्लार माला, चुरालमाला नदी तलहटी, छह क्षेत्रों में तलाशी की जा रही है. भूस्खलन के केंद्र स्मालीमट्टा में विशेष तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. चलियार नदी के किनारों पर निरीक्षण जोरों पर है. यहां डॉग स्क्वाड और चार ड्रोन से तलाशी की जा रही है.
उपकरणों की कमी से जूझ रहे आपातकालीन कर्मी
केरल के वायनाड में बचाव कार्य के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. भूस्खलन के बाद सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं और पुल भी नष्ट हो चुके हैं. इस वजह से रेस्क्यू में मुश्किल आ रही है. ऊपर से उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से रेस्क्यू में जुटे आपात स्थिति कर्मियों के लिए कीचड़ और उखड़े हुए विशाल पेड़ों को हटाना कठिन हो गया है, जो घरों और अन्य इमारतों पर गिर गए हैं.
नौ हजार से ज्यादा लोगों को राहत कैंपों में भेजा गया
केरल के मंत्री राजन के मुताबिक, वायनाड में 9,328 लोगों को 91 राहत कैंपों में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि इनमें से चूरलमाला और मेप्पाडी में भूस्खलन के की वजह से विस्थापित हुए 578 परिवारों के 2,328 लोगों को नौ राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. उधर भारतीय सेना के मद्रास इंजीनियरिंग कोर ने 190 फुट लंबे बेली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया, जो मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करने वाला है.
बादल फटने के बाद हिमाचल में त्राहिमाम
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की कई घटनाओं में पांच लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 के करीब लोग लापता हैं. भारी बारिश की वजह से राज्य में कई जगह मकान, पुल और सड़कें पानी में बह चुके हैं. कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने की घटना सामने आई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. केंद्र सरकार ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसकी वजह रामपुर उपमंडल के समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया. भारी बारिश की वजह से सड़कें बह चुकी हैं और राहत-बचाव अभियान कठिन हो गया है. भूस्खलन की वजह से मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर नुकसान पहुंचा है. एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस और होम गार्ड के जवान बचाव अभियान में जुटे हुए हैं.
मलाना-1 जल विद्युत परियोजना को पहुंचा नुकसान
बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ की वजह से मलाना बांध टूट गया है. यहां पर मलाना-1 जल विद्युत परियोजना को नुकसान पहुंचा है. कुछ लोगों के यहां फंसे होने की भी जानकारी है. बाढ़ और भूस्खलन की वजह से मलाना गांव और भुंटर कस्बे को जोड़ने वाली सड़क बह गई है. नीचे की ओर, उफनती हुई पार्वती नदी ने विनाश के निशान छोड़े हैं. यहां तक कि कसोल के पास शाट गांव में एक फल और सब्जी बाजार भी बह गया है.
हिमाचल प्रदेश में कई हिस्सों में बुधवार शाम से ही भारी बारिश हो रही है. राज्य में पालमपुर में सबसे अधिक 213 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसके बाद चौरी में 203 मिमी और धर्मशाला में 184.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. राज्य में अगले चार-पांच दिन बारिश जारी रहने का अनुमान है.
उत्तराखंड में भी भूस्खलन-बादल फटने से मचा कोहराम
उत्तराखंड के सोनप्रयाग में आज सुबह-सुबह उसी स्थान पर भारी भूस्खलन हुआ, जहां पर हाईवे पूरी तरह से बह रखा है. कुछ देर के लिए रेस्क्यू कार्य रोका गया. फिलहाल हालात सामान्य है और राहत-बचाव कार्य जारी है. बुधवार की रात उत्तराखंड के केदारनाथ में भी बादल फटा था, लेकिन जिसने भी खबर सुनी वो दहशत में आ गया, क्योंकि हर किसी की आंखों के सामने साल 2013 वाली त्रासदी का मंजर घूमने लगा. NDRF और SDRF की टीमें हाई अलर्ट पर हैं.
मंदाकनी नदी में हाईवे को पहुंचा नुकसान
भारी बारिश के बाद बुधवार रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. केदारनाथ में बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित रामबाड़ा हुआ है. बुधवार शाम से बारिश और भूस्खलन के बीच 14 लोगों के मरने की खबर आई है. रामबाड़ा में दोनों पुल बह चुके हैं. उत्तराखंड में मंदाकनी नदी का भी रौद्र रूप देखने को मिला है, जिसने केदारनाथ हाइवे को जगह-जगह से बर्बाद कर दिया है. फिलहाल केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है.
केदारनाथ गए यात्रियों को हुआ रेस्क्यू
गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच 100 मीटर तक का हाइवे नदी अपने साथ बहा ले गई है. भारी बारिश से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर आ गए. इस दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे 1500 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. अब तक करीब 425 यात्रियों को लिंचोली और भीमबली से हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर लाया गया जबकि 1100 अन्य लोगों को राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल सहित अन्य बचाव दलों के सहयोग से वैकल्पिक रास्तों से पैदल बाहर लाया गया है.
उत्तराखंड में भारी बारिश से बढ़ी मुसीबत
मौसम विभाग से मिली सूचना के अनुसार, पिछले 24 घंटों में अकेले देहरादून में ही 172 मिमी बारिश दर्ज की गई है. हरिद्वार के रोशनाबाद में सर्वाधिक 210 मिमी बारिश रिकार्ड की गई, जबकि रायवाला में 163 मिमी, हल्द्वानी में 140 मिमी, हरिद्वार में 140 मिमी, रूड़की में 112 मिमी, नरेंद्र नगर में 107 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज हुई.
दिल्ली-मुंबई में भी बारिश का कहर
दिल्ली से लेकर मुंबई तक में भारी बारिश ने लोगों की मुसीबत बढ़ाई है. दिल्ली में बुधवार को भारी बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में दिल्ली में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए. दिल्ली के गाज़ीपुर इलाके में खोड़ा कॉलोनी के पास एक महिला अपने बेटे के साथ जलभराव वाले नाले में डूब गई, जबकि, द्वारका के बिंदापुर इलाके में बिजली का करंट लगने से 12 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. मूसलाधार बारिश के बाद इमारत गिरने की घटनाओं के कारण सब्जी मंडी क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए.
मुंबई में भी भारी बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. जगह-जगह जलभराव देखने को मिली है. मौसम विभाग ने कहा है कि अभी दो दिनों तक बारिश होने ही वाली है. बोरिवली-अंधेरी में शुक्रवार तड़के बारिश हुई है.
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