Wayanad Landslides Updates: केरल के वायनाड में सोमवार (29 जुलाई 2024) की देर रात भारी बारिश से हुए भूस्खलन ने कई परिवारों की खुशिया उजाड़ दी. बताया जा रहा है कि इस त्रासदी में अभी तक 292 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं एक हजार से अधिक लोगों के रेस्क्यू किया जा चुका है. इस हादसे में अभी भी 29 बच्चे लापता हैं. इस त्रासदी की गुंज संसद में गुंजी और फिर इस मामले को लेकर राजनीतिक भी शुरू हो गई. 


राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पहुंचे वायनाड


इस बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी वायनाड पहुंची हैं. इस दौरान उन्होंने वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बनाए गए विभिन्न राहत शिविरों का दौरा भी किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वायनाड के मेपड्डी में इस हादसे से पीड़ित लोगों से मुलाकात की. दोनों नेता सुबह 9.30 बजे कन्नूर हवाई अड्डे पर उतरे और फिर वहां से सड़क मार्ग से वायनाड पहुंचे थे.


तेजी से चल रहा रेस्क्यू अभियान


इस भूस्खलन के बाद भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस-प्रशासन तेजी से रेस्क्यू अभियान चल रही है. बचावकर्मी नष्ट हो चुके घरों और इमारतों में लोगों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन चारों ओर मलबा होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


भूस्खलन में 348 इमारतें प्रभावित


भूमि राजस्व आयुक्त ने बताया कि वायनाड में भूस्खलन से मकानों सहित 348 इमारतें प्रभावित हुईं. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में गुरुवार (1 अगस्त 2024) को वायनाड में हुई एक आधिकारिक बैठक में आकलन किया गया कि भूस्खलन के बाद तीन दिनों के बचाव अभियान में सभी बचे लोगों को बचा लिया गया है.


इन इलाकों में अब नहीं फंसे हैं लोग


केरल-कर्नाटक सब एरिया जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने सीएम के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मुंडकाई और अट्टामाला इलाके में किसी के भी जिंदा फंसे होने की संभावना नहीं है. सेना के 500 जवान मुंडकाई और चुरालमाला क्षेत्र की जांच पड़ताल के लिए उपलब्ध हैं.


इस त्रासदी में अभी भी कोई फंसा तो नहीं है इसे लेकर जांच की जा रही है.  मुख्य कार्य मुंडकाई तक मशीनरी लाने के लिए एक पुल का निर्माण करना था. मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने कहा कि बेली ब्रिज आज (गुरुवार) दोपहर तक पूरा हो जाएगा क्योंकि काम बुधवार रात को भी जारी रहा. हालांकि बारिश की वजह से बुधवार को इस पुल का काम रोका गया था.


29 लापता छात्रों में से चार शव मिले


केरल पुलिस के एडीजीपी अजित कुमार ने बताया कि मलप्पुरम में 1000 लोग तलाशी क्षेत्र में हैं और 1000 पुलिसकर्मी सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि जो समस्या सबसे अधिक आ रहा है वो शवों के पहचान का है. डीडीई सशिन्द्रव्यास वीए ने कहा कि भूस्खलन के बाद मुंडाकाई और वेल्लारमाला क्षेत्र के दो स्कूलों और मेप्पडी क्षेत्र के दो स्कूलों के कुल 29 छात्र लापता हैं. लापता 29 बच्चों में से चार के शवों की पहचान कर ली गई है. सभी बच्चों का ब्योरा लिया जा रहा है. 


शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया


केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीनी जॉर्ज ने बताया, "कैंप में रहने वालों को मनोवैज्ञानिक समस्याएं होती हैं. यहां रहने वाले लोगों के लिए बड़ा खतरा संक्रमण का है, जिसे रोकने के लिए जानवरों के शवों को निष्पादित करने को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं. विशेष अधिकारी सीराम संबाशिवा राव ने बताया कि बिना वारिस वाले शवों का अंतिम संस्कार करने का प्रोटोकॉल लागू है."


सीएम विजयन ने सेना की तारीफ की


एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने कहा कि लापता लोगों का पता लगाने के लिए एक विशेष नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है. अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार पर संबंधित ग्राम पंचायतें निर्णय लेगी. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि भूस्खलन के कारण इतना प्रभाव कैसे पड़ा, इसका गंभीरता से अध्ययन किया जाना चाहिए. उन्होंने पुल का काम जल्द पूरा करने के लिए सेना की सराहना की. 


स्वास्थ्यकर्मी 24 घंटे कर रहे काम


केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड में डॉक्टर्स, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी लगातार 24 घंटे कार्य कर रहे हैं. इस विनाशकारी घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज और शवों के पोस्टमार्टम का उन पर भारी बोझ है. मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि कई स्वास्थ्यकर्मी बीते दो दिनों से घर नहीं गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में एक अस्थाई अस्पताल स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि नए स्थापित अस्थायी अस्पताल के अलावा जिले भर के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है.


राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप


संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने (31 जुलाई 2024) को आरोप लगाया था कि केरल सरकार ने पूर्व चेतावनी की अनदेखी की. उन्होंने दावा किया कि अगर केरल सरकार एनडीआरएफ की टीम के वहां पहुंचते ही सतर्क हो गई होती और कार्रवाई की होती, तो नुकसान को कम किया जा सकता था. इसके बाद राज्य के सीएम पिनाराई विजयन ने गृह मंत्री के आरोपों को खारिज कर दिया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है.


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