Wayanad Lok Sabha bypoll: केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. आज (11 नवंबर) प्रचार का आखिरी दिन है. यहां पर कांग्रेस जमात-ए-इस्लामी के मुद्दे पर चौतरफा घिरती हुई नजर आ रही है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन लगातार प्रियंका गांधी पर निशाना साध रहे हैं.
उन्होंने दावा किया है कि जमात प्रियंका गांधी का समर्थन कर रही है. वहीं, प्रियंका गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव विकास के मुद्दे पर होना चाहिए. मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए.
पहली बार चुनावी मैदान में हैं प्रियंका गांधी
13 नवंबर को वायनाड लोकसभा सीट पर मतदान होने हैं. यहां पर सोमवार की शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस सीट से सांसद रह चुके हैं. इस बार हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने वायनाड और रायबरेली से जीत हासिल की थी. हालांकि बाद में उन्होंने यनाड सीट से इस्तीफा दे दिया था. अब इस सीट से उनकी बहन और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पहली बार चुनाव लड़ रही हैं.
जमात-ए-इस्लामी के समर्थन को लेकर मचा बवाल
सीपीआई उम्मीदवार मोकेरी के चुनाव प्रचार के दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि प्रियंका गांधी वाड्रा जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से चुनाव लड़ रही हैं. जमात-ए-इस्लामी के संगठन के रूप में प्रियंका गांधी का समर्थन कर रही हैं.
उन्होंने कहा था, "वायनाड उपचुनाव ने कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है. प्रियंका गांधी जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से वायनाड में चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस का इसको लेकर रुख क्या है? देश जमात-ए-इस्लामी को जानता है. क्या इस संगठन की विचारधारा लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मेल खाती है? कांग्रेस आखिर इंकार समर्थन लेकर क्या साबित करना चाहती है."
प्रियंका गांधी ने किया था पलटवार
CM पिनराई विजयन के इस बयान पर कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी ने पलटवार करते हुए कहा. "उन्हें मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. चुनाव को मुद्दों पर लड़ना चाहिए. नेताओं को चुनाव के दौरान विकास के मुद्दों पर बात करनी चाहिए."
CM पिनराई विजयन से साल करते हुए कहा उन्होंने कहा था, "आपने वायनाड के लिए क्या किया है? आप को इसको लेकर बात करनी चाहिए. आप को उन मुद्दों आर बात करनी चाहिए, जिनसे लोगों का आम जीवन प्रभावित होता है. हमें महंगाई, विकास और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए.
जानें क्या है जमात-ए-इस्लामी
यह संगठन इस्लामी कानून और शरियत को प्राथमिकता देता है. कुछ लोग इसे कट्टरपंथी मानते हैं. आलोचकों का मानना है कि ये संगठन समाज में धार्मिक विभाजन और कट्टरपंथ को बढ़ावा डेटा है. ये संगठन शरियत के सिद्धांतों को लागू करने की वकालत करता है. जमात-ए-इस्लामी पर यह आरोप भी लगाया जाता है कि वह धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करती है.