WB SSC Scam: पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को ईएसआई में चिकित्सा जांच के बाद ईडी (ED) के कार्यालय ले जाया गया. इससे पहले दिन में चटर्जी (Partha Chatterjee) ने स्कूल सेवा आयोग (SSC) घोटाले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया था और कहा था कि 'पैसा उनका नहीं है.' रविवार दोपहर उसे मेडिकल जांच के लिए ईएसआई अस्पताल लाया गया. इस साजिश के पीछे कौन है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, 'जब समय आएगा, तो आपको पता चल जाएगा...पैसा मेरा नहीं है.'
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों को फिलहाल 3 अगस्त तक के लिए पूछताछ के लिए हिरासत में रखा है. पार्थ चटर्जी को बंगाल कैबिनेट से बर्खास्त किया जा चुका है. वहीं टीएमसी ने उन्हें पार्टी से भी निलंबित कर दिया है. आज पूर्व मंत्री को जांच के लिए कोलकाता के केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में लाया गया था. क्या कोई उनके खिलाफ साजिश कर रहा है इस सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि समय आने पर सब कुछ पता चल जाएगा. साथ ही उन्होंने अर्पिता मुखर्जी के घरों से मिली नकदी को लेकर कहा कि, "यह मेरा पैसा नहीं है." सूत्रों के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी ने ईडी को बताया है कि ये पैसे तबादलों के लिए और कॉलेजों को मान्यता दिलाने में मदद करने के लिए रिश्वत के तौर पर लिए गए थे.
'कोई गलत करता है तो TMC उसे नहीं छोड़ेगी'
बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी - जिन्हें अब तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया है और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी अलग-अलग दावा कर रहे हैं कि वे 'एक साजिश का शिकार' हैं. अभिषेक बनर्जी ने कहा, पार्थ चटर्जी को तृणमूल कांग्रेस से महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और तीन अन्य पदों से हटा दिया गया है. उन्हें जांच जारी रहने तक निलंबित कर दिया गया है. तृणमूल कांग्रेस के अपने सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक के साथ अलग होने के फैसले की घोषणा पार्टी नेता अभिषेक बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कोई कुछ गलत करता है तो तृणमूल कांग्रेस उसे नहीं छोड़ेगी.
TMC में तीसरे सबसे अहम नेता थे पार्थ
पार्थ चटर्जी को मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद लेफ्टिनेंटों में से एक माना जाता था, एक 'गो-टू' आदमी और मुख्यमंत्री और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बाद पार्टी पद के अनुसार में उन्हें तीसरा सबसे महत्वपूर्ण माना जाता था. दरअसल, पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कोलकाता आवास से 21 करोड़ रुपये नकद और एक करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण बरामद किए गए थे.
ED ने पार्थ चटर्जी को किया था गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की गिरफ्तारी के बाद से उनकी कई आय से अधिक संपत्ति का खुलासा किया, जिनमें से पश्चिम बंगाल के डायमंड सिटी में तीन फ्लैट थे. पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में ईडी (ED) ने अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के घर पर छापा मारा था. जांच एजेंसी (ED) ने एक बयान में कहा, 'ये पैसे एसएससी घोटाले के अपराध की आय होने का संदेह है.'
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