नई दिल्ली: आश्रय गृहों में बच्चों से यौन दुष्कर्म के हालिया मामलों के मद्देनजर केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे 15 सितंबर तक प्रत्येक बाल संरक्षण संस्थान (सीसीआई) की निरीक्षण रिपोर्ट सौंपें. मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि वे किशोर न्याय अधिनियम की धारा 54 के अनुरूप सभी सीसीआई के निरीक्षण के तत्काल निर्देश दें.


मुख्य सचिवों को लिखे गए पत्र में श्रीवास्तव ने कहा, जिले में कानून-व्यवस्था के प्रभारी होने के नाते जिलाधिकारियों (डीएम) की निगरानी में निरीक्षण किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि संस्थान की अशोभनीय और अनुचित गतिविधियों के कारण बच्चे तकलीफ में दिखें तो उनके समर्थन और पुनर्वास के लिए जरूरी उपाय तत्काल किए जाने चाहिए.


सचिव ने कहा, दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए. मंत्रालय चाहता है कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिले के सभी बाल संरक्षण संस्थानों का पूरा निरीक्षण करें. देश भर में 8,631 बाल संरक्षण संस्थान हैं और इनमें 2,61,566 बच्चे रह रहे हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश के 316 बाल संरक्षण संस्थानों में कुल 7,399 बच्चे रहते हैं.


महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्यों से अनुरोध किया था कि वे अपने संचालन में एक बड़ी संस्था शुरू करें ताकि गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और दुरुपयोग नहीं कर सकें.