नई दिल्ली: एनडीए की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद का नाम सामने आने के बाद विपक्ष की ओरे पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार का नाम तय माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक दलित होने के चलते मीरा कुमार की उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है.


विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार पर चर्चा के लिए 22 जून को बैठक बुलाई गई है. माना जा रहा है कि इसी बैठक में मीरा कुमार के नाम पर मुहर लग सकती है. मीरा कुमार पांच बार से सांसद हैं और दिग्गज कांग्रेस नेता बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं.


एनडीए का उम्मीदवार एकतरफा फैसला: कांग्रेस
एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता गुलान नबी आजाद ने कहा, ''बीजेपी की ओर बनाई गई कमेटी के नेता हमसे मिले थे.हमारी इस बैठक में सोनिया जी, मैं और लोकसभा में हमारे नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जी थे. हमने सोचा कि उनके पास कोई नाम होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी ने हमें कोई उम्मीदवार कान नाम ही नहीं बताया था तो फिर चर्चा कैसी.''


गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''सरकार ने सहमति से फैसला नहीं लिया. अपना कैंडिडेट तय करने के बाद बताया. इससे सहमति कहां बनती है, ऐसे आम राय नहीं बनती. ये एकतरफा फैसला है.''


विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर गुलान नबी आजाद ने कहा, '' हमारा शुरू से ये फैसला रहा है कि विपक्षी दल मिलकर सहमति बनाएंगे. कुछ हफ्ते पहले सोनियाजी ने 18 दलों को भोजन पर बुलाया था कि सभी मिलकर राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट पर फैसला लेंगे. एक सबग्रुप बनाया गया. सबग्रुप की मीटिंग भी हुई."


एनडीए की ओर से बिहार के राज्यपाल का नाम आया
एनडीए ने 72 साल के रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. राम नाथ कोविंद अभी बिहार के राज्यपाल हैं. कोविंद के नाम की घोषणा बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने की. बीजेपी और एनडीए को उम्मीद है कि अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़े होने के कारण कोविंद के नाम पर वो कांग्रेस सहित विपक्ष की सहमति भी हासिल करने में सफल रहेंगे.


कौन हैं रामनाथ कोविंद?
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले रामनाथ कोविंद दलित समाज से आते हैं. रामनाथ कोविंद अभी बिहार के राज्यपाल हैं. रामनाथ कोविंद को वकालत का लंबा अनुभव है. वे सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में 16 साल तक वकालत कर चुके हैं.


राम नाथ कोविंद यूपी से दो बार साल 1994-2000 और साल 2000-2006 के दौरान राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. वे बीजेपी के प्रवक्ता रह चुके हैं. इसके अलावा कोविंद 1998 से 2002 तक बीजेपी के दलित मोर्चा के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं.