नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि वह जम्मू कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती वाले गठबंधन यानी ‘गुपकार अलायंस’ या ‘पीपुल्स एसोसिएशन फॉर गुपकार डिक्लरेशन’ का हिस्सा नहीं है. साथ ही कांग्रेस ने पूर्व में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार चलाने को लेकर बीजेपी से सफाई मांगी पर है.
दरअसल, जम्मू कश्मीर में होने जा रहे डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कॉउंसिल के चुनाव में कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के साथ समझौते के तहत चुनाव लड़ रही है. कुछ सीटों पर पीडीपी के साथ भी समझौता किया गया है. इसकी वजह से कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर आ गई है. बीजेपी कांग्रेस को जम्मू कश्मीर के प्रमुख क्षेत्रीय दलों द्वारा बनाए गए 'गुप्कार गठबंधन' का हिस्सा बता रही है. हमला तेज करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि 'गुप्कार गैंग जम्मू कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहती है और तिरंगे का अपमान करती है. सोनिया जी और राहुल जी को साफ करना चाहिए कि क्या वे गुपकार गैंग के ऐसे रुख का समर्थन करते हैं?'
अमित शाह के ट्वीट की निंदा करते हुए कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने जवाब दिया कि 'आए दिन झूठ बोलना और नए भ्रमजाल गढ़ना मोदी सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र बन गया है. शर्म की बात तो यह है कि गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रीय सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी को दरकिनार कर जम्मू, कश्मीर व लद्दाख पर सरासर झूठी, भ्रामक व शरारतपूर्ण बयानबाजी कर रहे हैं'. लिखित बयान जारी कर सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ‘गुपकार अलायंस’ का हिस्सा नहीं है.
सुरजेवाला ने कहा, “कांग्रेस पार्टी यह कभी स्वीकार नहीं करेगी कि राष्ट्र की अस्मिता, अखंडता या तिरंगे को कोई आंच पहुंचाए. कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर सहित भारत के आंतरिक मामलों में ना कोई विदेशी दखलंदाजी स्वीकार की है और न ही करेगी.”
बीजेपी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “अंग्रेज के गुलाम और पिट्ठू दलों के लोग शायद न तो देश और न ही तिरंगे के लिए कुर्बानी का जज़्बा समझ सकते हैं.' इसके साथ ही कांग्रेस ने अमित शाह से पूछा है कि 'जिस पीडीपी की वो आलोचना कर रहे हैं, उसके साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने सरकार का गठन क्यों किया था?”
कांग्रेस ने भले ही गुपकार डिक्लेरेशन पर अपनी स्थिति साफ करने की कोशिश की है लेकिन फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के आए दिन आ रहे बयानों से देश के बाकी हिस्सों में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ सकती है क्योंकि वह इन दलों के साथ जम्मू कश्मीर में जिला स्तर के चुनाव लड़ रही है.
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