सबको शाकाहारी बनने का आदेश नहीं दे सकते: सुप्रीम कोर्ट
मांस और चमड़े का निर्यात रोकने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की है.
नई दिल्ली: "आप चाहते हैं कि देश में सबको शाकाहारी बनने के लिए कहा जाए? हम ऐसा आदेश नहीं दे सकते." मांस और चमड़े का निर्यात रोकने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की है.
याचिकाकर्ता एनजीओ 'हेल्दी वेल्दी एथिकल वर्ल्ड गाइड इंडिया ट्रस्ट' की दलील थी कि मांस और चमड़े के निर्यात का कारोबार क्रूरता से भरा हुआ है. इसे केंद्र और राज्य सरकारें बढ़ावा दे रही हैं. उन्हें ऐसा करने से रोका जाना चाहिए.
इस पर जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से सवाल किया कि क्या वह चाहता है कि देश में हर व्यक्ति शाकाहारी बन जाए. वकील का जवाब था कि उसकी याचिका भारत के बाहर मांस के निर्यात को लेकर है.
कोर्ट ने शुरू में इसे नीतिगत मामला बताते हुए दखल देने से मना कर दिया. हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील के बार-बार आग्रह करने पर मामला खारिज नहीं किया. वकील का कहना था कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए. इस पर कोर्ट ने सुनवाई फरवरी तक के लिए टाल दी. कोर्ट ने अभी इस मसले पर सरकार को नोटिस जारी नहीं किया है.
यह भी देखें