नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन के भारत आने में कुछ और वक्त लग सकता है. CDSCO यानी सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया और फाइजर की वैक्सीन के इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए डाटा की समीक्षा की. बैठक में इन कंपनियों से कुछ और डाटा मांगा गया, जिसके बाद कोई फैसला होगा.


सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी सारे डाटा के आधार पर अपनी सिफारिश डीसीजीआई यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को करेंगे. इस सिफारिश के आधार पर डीसीजीआई लाइसेंस का फैसला करेंगे. फिलहाल आज की बैठक में इन तीनों कंपनी के इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के फैसला लेने के लिए और सेफ्टी, इम्यूनोजेनिसिटी और एफीकेसी के और डाटा मांगा है. डाटा आने पर एक फिर वैक्सीन के आपातकालीन मंजूरी के लिए एक्सपर्ट पैनल एक बार फिर से बैठक करेगी.


आज हुई बैठक में फाईजर ने लिख कर दिया है की उन्हें कुछ और समय चाहिए, अपने डाटा के बारे में और जानकारी देने के लिए. उनको सब्जेक्ट एक्सपर्ट पैनल ने और समय दिया है.


सीरम इंस्टीट्यूट ने सुरक्षा डाटा जमा किया था, वो सिर्फ 14 नवंबर तक का था. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने सिफारिश की है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को समीक्षा के लिए ये डाटा और जानकारी मांगी है.


1. क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण का अपडेटेड डाटा.
2. ब्रिटेन और भारत में किए गए क्लीनिकल ट्रायल के इम्यूनोजेनिसिटी डाटा.
3. यूके के रेगुलेटर के पास इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए अनुमति की जानकारी.


वहीं भारत बायोटेक से भी और जानकारी मांगा गई है. भारत बायोटेक से कहा गया है कि अभी चल रहे क्लीनिकल ट्रायल एफीकेसी और सेफ्टी डाटा कमेटी के सामने प्रस्तुत करें.


सब्जेक्ट एक्सपर्ट पैनल की वैक्सीन के आपातकालीन मंजूरी के लिए एक और बैठक होगी. सब्जेक्ट एक्सपर्ट पैनल ना तो मंजूरी देता है ना ही नामंजूर करता है. वो अपनी सिफारिश डीसीजीआई को भेजते हैं, जिसके आधार पर लाइसेंस देने का निर्णय होता है. फिलहाल ये बैठक तब तक के लिए टल गई है जब तक तीनों कंपनी अपना डाटा जो कि मांगा गया है वो नहीं दे देती हैं. इसमें कुछ वक्त लग सकता है, इसलिए वैक्सीन के लिए कुछ और इंतजाम करना होगा.


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