बेंगलुरू: कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आज कहा कि जेडीएस और कांग्रेस अपना लक्ष्य हासिल करते हुए कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अश्वमेध घोड़े को रोकने में सफल रहे. उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उत्तर प्रदेश (विधानसभा) चुनाव के नतीजे आने के बाद कहा था कि मेरा लक्ष्य नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अश्वमेध घोड़े को रोकना है. ’’


कुमारस्वामी ने कहा कि आज कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर कर्नाटक में उनके अश्वमेध घोड़े को रोक दिया. उन्होंने खुद को  परिस्थितियों की उपज बताते हुए कहा कि उन्होंने कई नेताओं की सलाह पर राष्ट्रीय हित में कांग्रेस से हाथ मिलाने का फैसला किया. IN DEPTH: एकजुट विपक्ष 13 राज्यों की 349 सीटों पर पड़ सकता है बीजेपी पर भारी


अमित शाह को एक बेजान अश्वमेध घोड़ा लेकर नरेंद्र मोदी के पास जाना होगा: कुमारस्वामी


जेडीएस नेता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा, ‘‘ शायद आने वाले दिनों में अमित शाह को एक बेजान अश्वमेध घोड़ा लेकर नरेंद्र मोदी के पास जाना होगा क्योंकि हमने उनके घोड़े को रोक दिया है.’’ कुमारस्वामी ने कहा कि कई लोगों को संदेह था कि गठबंधन सरकार चलेगी या नहीं , उन्होंने ऐसे लोगों को आश्वस्त किया कि वह एक स्थिर सरकार देंगे.  शपथग्रहण कुमारस्वामी का लेकिन इन तस्वीरों पर लोगों की टिकी थीं नजरें


सीएम कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘ इस सरकार के लंबे समय तक चलने को लेकर संदेह है. मैं अपने और अपनी सरकार के आचरण के साथ सुनिश्चित करूंगा कि यह सोच बदले. मैं राज्य के लोगों से यह बात साफ कर देना चाहता हूं.’’


मुख्यमंत्री ने यह बात मानते हुए कि यह शंकाएं इस वजह से हैं क्योंकि 2006 में जेडीएस ने कांग्रेस का साथ छोड़ते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया था. उन्होंने कहा, ‘‘ इसके बाद हमारे (दोनों पार्टियों के) संबंधों की प्रवृत्ति से एक दूसरे में हमारे विश्वास को लेकर संदेह पैदा हुआ. मैं राज्य के लोगों को बताना चाहता हूं कि यह सरकार एक स्थिर सरकार होगी. गठबंधन सरकार एक पार्टी की सरकार से ज्यादा स्थिर होगी.’’  अपने दावे के मुताबिक कर्नाटक के 'किंग' साबित हुए कुमारस्वामी


राज्य की समस्याएं सुलझाने के लिए काम करेंगे: कुमारस्वामी


कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘ हम अपने मतभेदों को कोई जगह नहीं देंगे और राज्य की समस्याएं सुलझाने के लिए काम करेंगे.’’ उन्होंने ने कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले कहा था कि किसी भी पार्टी को बहुमत ना मिलने पर वह विपक्ष में बैठेंगे और किसी भी पार्टी के साथ समझ नहीं बनाएंगे और वह परिस्थितियों की उपज हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं परिस्थितियों की उपज हूं , मेरे लिए व्यक्तिगत इच्छाओं और फैसलों को दरकिनार करना अपरिहार्य हो गया.’’ शपथग्रहण समारोह में दिखा सोनिया और मायावती का वो दोस्ताना अंदाज जो पहले कभी नहीं दिखा


जेडीएस ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद कई राष्ट्रीय नेताओं ने उन्हें सलाह दी कि वह राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार का गठन करें. उन्होंने अपने शपथग्रहण समारोह में कई दलों के नेताओं की मौजूदगी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि उन सब का साथ आना एक नया घटनाक्रम है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ समारोह में उन सब के आने से आप समझ सकते हैं कि मैंने खुद को परिस्थितियों की उपज क्यों कहा.’’


शपथग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा


शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी , सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, एनसीपी नेता शरद पवार सहित दूसरे नेता मौजूद थे. कुमारस्वामी को राहुल ने दी शुभकामनाएं, बोले- विपक्षी नेताओं के साथ मंच साझा करना सुखद रहा


कुमारस्वामी ने आगे अपने लिए चुनौतियां मौजूद होने की बात मानते हुए कहा, ‘‘ मेरे लिए यह सरकार चलाना आसान नहीं होगा. मुझे पूरी सावधानी के साथ हर एक कदम उठाना होगा, यही स्थिति है.’’ उन्होंने कहा कि कई नेताओं को लगता है कि उनके नेतृत्व में नयी सरकार एक मॉडल सरकार साबित होगी. कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘ मैं उनका और लोगों का खुद में विश्वास बनाए रखने की कोशिश करूंगा और आगे बढूंगा.’’