Himanta Biswa Sarma Statement: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मदरसों (Madrasas) को लेकर बड़ी बात कही. हिमंत बिस्वा ने कहा कि उनकी सरकार सूबे में मदरसों की संख्या कम करना चाहती है. उन्होंने कहा कि वे मदरसों में सामान्य शिक्षा देना चाहते हैं और इसलिए मदरसों का रजिस्ट्रेशन भी कराया जाएगा.
असम के मुख्यमंत्री ने दिसपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बयान दिया. शनिवार, 21 जनवरी को मदरसों के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम राज्य में फर्स्ट फेज में मदरसों की संख्या कम करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि मदरसों में बच्चों को सामान्य शिक्षा मिले.''
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि मदरसों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा, 'हम समुदाय के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं और वे भी (मुस्लिम) असम सरकार की मदद कर रहे हैं.'
मदरसों को लेकर असम सरकार की सख्ती
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कुछ दिनों पहले भी कहा था कि राज्य के मदरसों में पढ़ाने के लिए असम के बाहर से आए सभी शिक्षकों को समय-समय पर पास के पुलिस स्टेशन में हाजिर होने के लिए कहा जा सकता है.
सरकार के फैसलों पर मुस्लिम नेताओं को ऐतराज
गौरतलब हो कि पिछले साल सितंबर महीने में असम में मदरसों को लेकर काफी राजनीति हुई थी. असम में बीजेपी की सरकार (Assam govt) है. सरकार के कई फैसलों पर कई बड़े मुस्लिम नेताओं ने आपत्ति जताई थी. मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से जुड़े फैसले को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी असम सरकार पर निशाना साधा था. ओवैसी ने कहा कि भारत में कहीं भी काम करने, रहने और बसने का मौलिक अधिकार है.
इसी तरह मदरसे गिराए जाने को लेकर AIUDF के चीफ बदरुद्दीन अजमल ने भी असम सरकार पर निशाना साधा था. तब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि अगर मदरसे में देश विरोधी गतिविधियां हुईं तो उनको ढहा दिया जाएगा. यह राजनीतिक बयानबाजी बोंगाईगांव जिले में मदरसे को गिराए जाने के बाद हुई थी.
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