महाराष्ट्र: सियासी घमासान के बीच संजय राउत ने कहा- हम होंगे कामयाब, नवाब मलिक बोले- मंज़िल के मीनारों पे नजर रखता हूं
भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बहुमत साबित करने में असमर्थ रहने के बाद अब गेंद NCP के पाले में है. एनसीपी 54 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर तीसरे नंबर पर रही थी.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रही खींचतान के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शायराना अंदाज में अपनी कामयाबी की बात कही है. राउत की इस बात का एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने भी समर्थन किया है. फिलहाल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. गौरतलब है कि शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र में बीजेपी के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस सहमत हो गयी हैं. लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी. राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया था.
संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा, "लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशीश करने वालों की कभी हार नही होती.' बच्चन. हम होंगे कामयाब.. जरूर होंगे...'' वहीं नवाब मलिक ने उनका समर्थन करते हुए लिखा, ''संगरेजों की चुभन का मुझे एहसास कहां, मैं तो मंज़िल के मीनारों पे नज़र रखता हूं.''
संगरेजों की चुभन का मुझे एहसास कहाँ, में तो मंज़िल के मीनारों पे नज़र रखता हूँ. https://t.co/a1C3NV7w3x
— Nawab Malik (@nawabmalikncp) November 12, 2019
बता दें कि महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बहुमत साबित करने में असमर्थ रहने के बाद अब गेंद राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी यानी NCP के पाले में है. बीजेपी और शिवसेना द्वारा समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल तक ना पहुंचा पाने की स्थिति में अब राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दिया है. एनसीपी को 24 घंटे का समय दिया गया है. एनसीपी राज्य में बीजेपी और शिव सेना के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
बता दें कि 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. बीजेपी 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जबकि उसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही शिवसेना 56 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. एनसीपी 54 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर तीसरे नंबर पर रही थी और 44 विधानसभा सीटें जीतकर कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी.