IMD Weather Update: मार्च महीने की शुरुआत से ही मौसम में कई बदलाव दर्ज किए गए हैं. मैदानी इलाकों में बारिश ने जहां पारा सामान्य पर पहुंचा दिया. वहीं, पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से तापमान फिर से कम हो गया. दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सुबह का पारा अचानक गिर गया है. मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों पर हुई बर्फबारी ने इसमें अहम योगदान दिया है.


मौसम विभाग की ताजा अपडेट के मुताबिक 8 मार्च तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं है. देशभर में बारिश या बर्फबारी को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. 


फिर लौटेगी ठंड! 7 मार्च से बदल सकता है मौसम
जम्मू-कश्मीर, उत्तरी-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तक पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टरबेंस की मौजूदगी देखी जा रही है. वहीं, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 5 से 7 मार्च के दौरान बारिश और बर्फबारी का नया दौर शुरू होने की संभावना है. इसके चलते एक बार फिर से तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है. 


आज यानी 5 मार्च के मौसम की बात करें तो असम, मेघालय और नगालैंड में 5 मार्च को गरज और बिजली के साथ अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश की वजह से सुबह का पारा गिर गया है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ में बीते दिनों हुई बारिश ने तापमान में गिरावट दर्ज करवाई है.


दक्षिणी राज्यों में गर्मी दिखाने लगी असर
दक्षिण भारत की बात करें तो यहां गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक में पारा अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है. इस साल बसंत ऋतु का समय बहुत ज्यादा नहीं रहेगा. जून महीने के बाद से दक्षिण भारत के राज्यों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है. वहीं, उत्तर भारत के राज्यों में भी गर्मी का प्रकोप देखने को मिल सकता है.


मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक इस साल गर्मी और बारिश का प्रभाव ज्यादा रहेगा. अल नीनो और ला नीना के प्रभाव के चलते इस साल मौसम में कई बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं. गौरतलब है कि अल नीनो से गर्मी और ला नीना से मानसून पर असर पड़ता है.


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