इस बार जहां कड़ाके की सर्दी ने लोगों को खूब सताया तो वही फरवरी आते-आते मौसम काफी गर्म हो गया. गर्मी इतनी की तापमान में हुई बढ़ोतरी ने रिकॉर्ड भी तोड़ा. इस साल फरवरी का महीना पिछले 120 सालों में दूसरी सबसे गर्म फरवरी रही, तो वही पिछले 15 सालों के रिकॉर्ड भी इस बार फरवरी के तापमान ने तोड़े.


120 साल पहले यांनी 1901 से लेकर अब तक के डेटा के आधार पर मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यह बात सामने आई और पिछले कुछ वर्षों के अलग-अलग वक़्त पर ज़्यादा तापमान के आंकड़े भी सामने आए. 1960 में फरवरी के महीने में तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. तो वहीं उसके बाद 2006 में फरवरी में औसतन तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस रहा था.


साल 2021 की बात करें तो फरवरी में औसतन तापमान 27.9 डिग्री रहा. लेकिन फरवरी महीने में कुछ दिन ऐसे रहे जब तापमान 30 डिग्री से अधिक रहा, जिसने पिछले 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ा.  25 फरवरी को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री दर्ज किया गया जबकि अगर न्यूनतम तापमान की बात करें तो न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री रहा.


क्या है तापमान में बढ़ोतरी की वजह


मौसम जानकारों के मुताबिक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में अगर कमी आती है तो तापमान में बढ़ोतरी देखी जाती है. जहां जनवरी और फरवरी के महीनों में 5-6 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखे जाते हैं. लेकिन इस बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की कमी से तापमान में बढ़ोतरी की वजह देखी जा रही है. इस बार अगर जानकारी के हिसाब से देखा जाए तो जनवरी में सिर्फ एक बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखा गया तो फरवरी में भी सिर्फ एक बार ही वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखा गया. इसमें दिन के वक़्त आसमान साफ और तापमान ज़्यादा रहता है तो वही रात के वक़्त तापमान कम हो जाता है.


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