3 दिन में उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ ने कितनी मचाई तबाही, जानें
Weather Update: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने बताया कि कुल्लू के सैंज इलाके में करीब 40 दुकानें और 30 मकान बारिश के पानी में बह गए.
Monsoon Rain: देश के विभिन्न राज्यों में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में पिछले तीन दिन में भारी बारिश के कारण स्थिति खराब होती जा रही है. मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. हिमाचल में 31 और उत्तर भारत में मरने वालों की संख्या 20 पहुंच गई है. इस बीच बचाव अभियान भी जारी है और प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश में सोमवार तक मरने वालों की संख्या 18 थी, जो अब बढ़कर 31 तक पहुंच गई है. यहां सबसे ज्यादा खराब स्थिति कसोल, मणिकरण, खीर गंगा और पुल्गा इलाकों में है, जिनका मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने बताया कि कुल्लू के सैंज इलाके में करीब 40 दुकानें और 30 मकान बारिश के पानी में बह गए. इस दौरान, उन्होंने रिलीफ कैंप में लोगों से भी बात की.
कई जिलों में फंसे हैं सैंकड़ों पर्यटक
मुख्यमंत्री ने बताया कि लाहौल स्पीति औप मनाली में फंसे पर्यटकों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया है. इनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि बुधवार तक सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल ने बताया कि चंद्रताल में 250 लोग फंसे हुए हैं और सीसू में 300 लोग फंसे हैं, वहीं मनाली जिले में भी करीब 300 लोग फंसे हैं.
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हिमाचल फंसे यूपी के लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए और इसके लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिहाज से हिमाचल सरकार के साथ समन्वय कर काम किया जाए.
उत्तराखंड में भी भूस्खलन और बाढ़ से बुरा हाल
उत्तराखंड में भी बारिश के कारण स्थिति बेहद खराब हो गई है और सोमवार रात उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री नेशनल हाइवे पर गंगनानी पुल के पास भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो गया, जिसमें तीन वाहन दब गए. इस हादसे में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश के 5 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 7 लोग घायल हो गए. चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके की जुम्मागाड़ नदी में अचानक बाढ़ आने से उस पर बना पुल बह गया. इस वजह से भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गई और एक दर्जन से ज्यादा सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया. यह पुल जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास था.
हरियाणा-पंजाब में भी मची तबाही
इस बीच, पंजाब और हरियाणा में तीन दिन की बारिश के बाद मौसम साफ हो गया है, लेकिन दो दिनों की बारिश ने यहां भारी तबाही मचाई है. अधिकारियों ने कहा कि रूपनगर, पटियाला, मोहाली, अंबाला और पंचकूला समेंत दोनों राज्यों के प्रभावित जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. होशियारपुर में 9 और 10 जुलाई को भारी बारिश की वजह से मिट्टी के घर की छत गिरने से 75 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई. सुल्तानपुर लोधी में 24 वर्षीय युवक के शाहकोट के पास सतलुज नदी के बाढ़ के पानी में डूबने की आशंका है. हरियाणा के अंबाला की घग्गर नदी में वॉटर लेवल बढ़ने के बाद एक आवासीय विद्यालय की कुल 730 छात्राओं को सोमवार की रात उनके छात्रावास परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया.
कई नदियों में आया उफान
भारी बारिश के कारण कई इलाकों में नदियां, छोटी नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं. कल दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, हरियाणा द्वारा यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण रेलवे पुल पर जलस्तर मंगलवार दोपहर 12 बजे तक 206.38 मीटर पहुंच गया, इससे एक दिन पहले यह 205.4 मीटर पर था.
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