केरल: बारिश थमने से मिली थोड़ी राहत, भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हुई
बाढ़ प्रभावित सैकड़ों लोग हालांकि अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं खासकर अलपुझा, कोट्टायम, पथनमथिट्टा और एर्नाकुलम जिलों में.भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है
कोच्चि: बारिश से बेहाल मध्य केरलवासियों को सोमवार को बारिश कम होने से थोड़ी राहत मिली जब निचली इलाकों में जलस्तर में कमी आनी शुरू हुई, वहीं इडुक्की के पेट्टीमुडी में भूस्खलन के कारण मरने वालों का आंकड़ा छह और शव बरामद होने के बाद बढ़कर 49 पहुंच गया. लापता लोगों की तलाश के लिये राहत अभियान अब भी जारी है.
राज्य के 14 जिलों में बारिश के लिये कोई रेड अलर्ट नहीं है और बारिश की तीव्रता में कमी आने से प्रभावित इलाकों में लोगों ने जीवन को एक बार फिर पटरी पर लाने की जद्दोजहद शुरू कर दी है. बाढ़ प्रभावित सैकड़ों लोग हालांकि अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं खासकर अलपुझा, कोट्टायम, पथनमथिट्टा और एर्नाकुलम जिलों में.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है जिसके बाद अधिकारियों ने आठ जिलों- अलपुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, वायनाड, कोझिकोड, कन्नूर, कासरगोड- में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने बीते कुछ दिनों से भारी बारिश झेल रहे पहाड़ी इलाकों में भू-स्खलन की आशंका को लेकर चेतावनी जारी की है और इलाके में रहने वाले लोगों और सरकारी प्राधिकारियों को सतर्कता बरतने को कहा है.
इडुक्की जिले के राजामाला के निकट पेट्टीमुडी में चार दिन पहले हुए भू-स्खलन के बाद राहत कार्य अब भी जारी है और इस अभियान में लगी विभिन्न एजेंसियों ने सोमवार को यहां मलबे से छह और शव निकाले जिसके बार हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 49 हो गई.
अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ, अग्निशमन और पुलिस विभाग के साथ ही विभिन्न संगठनों से जुड़े स्वयंसेवक लापता लोगों की तलाश के काम में जुटे रहेंगे. इन लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है.
इस बीच इडुक्की जिले के मुल्लपेरियार बांध में सोमवार शाम जलस्तर 136.55 फीट पहुंच गया. इडुक्की के जिलाधिकारी ने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के थेनी के जिलाधिकारी से बांध से पानी छोड़े जाने के संदर्भ में चर्चा की.
इस बीच पानी के खतरे के निशान के पास पहुंचने के बाद रविवार शाम खोले गए पम्बा बांध के छह द्वार सोमवार को बंद कर दिए गए. अधिकारियों ने बताया कि पम्बा नदी पर पानी का स्तर 30 से 40 सेंटीमीटर बढ़ा लेकिन नदी के बांध कहीं से नहीं टूटे.
उन्होंने बताया कि बांध में पानी का स्तर 982.8 मीटर पर आने पर द्वार बंद कर दिए गए. बांध की क्षमता 986.332 मीटर पानी संग्रह करने की है. बांध की अधिकतम जल क्षमता 986.332 मीटर है.
सोमवार सुबह से बारिश में कमी के बावजूद केरल के कोट्टायम और अलपुझा के निचले इलाकों में रहने वालों को बारिश के बाद जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ जैसे हालात का सामना करना पड़ सकता है. कोट्टायम जिले में बारिश संबंधी घटनाओं में सोमवार को दो लोगों की मौत की खबर है.
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