नई दिल्ली: मौसम विभाग ने केरल और तटीय कर्नाटक में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. गुजरात, मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम के कुछ हिस्सों, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर जबकि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में एक-दो जगह हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि बरसात के चार महीने के मौसम के दूसरे हिस्से में मानसून सामान्य रह सकता है. मौसम विभाग ने 2020 में दक्षिण पश्चिम मानसून के दूसरे हिस्से (अगस्त-सितंबर) के दौरान वर्षा के अपने दीर्घकालिक पूर्वानुमान में कहा कि अगस्त में लंबी अवधि में वर्षा के औसत (एलपीए) की 97 प्रतिशत बारिश हो सकती है.


उत्तर प्रदेश के 17 जिलों के 666 गांव बाढ़ से प्रभावित
उत्तर प्रदेश के 17 जिलों के 666 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. शारदा, राप्ती और घाघरा नदियां अलग-अलग जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं. राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बृहस्पतिवार को बताया कि आंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज और सीतापुर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.


7 से 9 अगस्त तक कुमाऊं मंडल में भारी बारिश का अलर्ट
उत्तराखंड में मानसून सक्रिय है और बारिश ने कहर बरपाया रखा है. पहाड़ों से लेकर मैदान तक जनजीवन बारिश के कारण अस्त-व्यस्त है. इस बीच मौसम विभाग की तरफ लगातार भारी से भारी बारिश के अलर्ट लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं. एक बार फिर उत्तराखंड में 7 से 9 अगस्त तक मौसम विभाग ने ज्यादातर इलाकों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.


उत्तराखंड में बारिश की वजह से हुए भूस्खलन के बाद कई गांवों में तबाही का मंजर है. कई इलाकों में सड़क मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. खासतौर पर कुमांऊ क्षेत्र में अभी मानसून अधिक सक्रिय दिखाई दे रहा है. वहीं, मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए अभी प्रदेशवासियों की परेशानिया कम होती हुई नजर नहीं आ रही हैं.


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