Weather Forecast Update: इस बार बहुत झुलसाएगी गर्मी! देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा रहेगा तापमान, मौसम विभाग का अलर्ट
Weather Forecast Today News Update आईएमडी अप्रैल से जून तक के लिए दूसरा ग्रीष्मकाल पूर्वानुमान अप्रैल में जारी करेगा. मौसम विभाग के अनुसार देश में जनवरी न्यूनतम तापमान के लिहाज से 62 साल में सबसे अधिक गर्म महीना रहा.
इस बार जहां एक तरफ फरवरी आते ही मौसम ने पूरी तरह से कड़वट ले लिया तो वहीं पिछले 15 सालों में रिकॉर्ड पिछले महीने इतनी गर्मी पड़ी है. 120 सालों में ऐसा दूसरी बार है जब फरवरी में इतनी गर्मी पड़ी. अब मौसम विभाग ने आने वाले समय में गर्मी को लेकर चेताया है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को मार्च से मई तक के अपने ग्रीष्मकालीन पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर, पूर्वोत्तर तथा पूर्व एवं पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में दिन का तापामान सामान्य से अधिक रह सकता है है. हालांकि, दक्षिण एवं उससे सटे मध्य भारत में दिन का तापमान सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया है.
मौसम विभाग ने कहा, ‘‘आगामी ग्रीष्मकाल में (मार्च से मई तक) उत्तर, पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर उपसंभागों तथा मध्य भारत के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों के कुछ उपसंभागों एवं उत्तरी प्रायद्वीप के कुछ तटीय उपसंभागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है.’’
कई हिस्सों में रह सकती है भीषण गर्मी
छत्तीसगढ़, ओड़िशा, गुजरात, तटीय महाराष्ट्र, गोवा एवं तटीय आंध्र प्रदेश में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. आईएमडी ने कहा, ‘‘लेकिन दक्षिण प्रायद्वीप एवं समीपवर्ती मध्य भारत के अधिकतम उपसंभागों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है.’’
आईएमडी ने कहा, ''लेकिन, मध्य भारत के पूर्वी हिस्से के ज्यादातर उपंसभागों में और और देश के सुदूर उत्तरी हिस्सों के कुछ उपसंभागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है.'' मौसम विभाग ने कहा कि विषुवतीय प्रशांत क्षेत्र के ऊपर मध्यम ‘ला नीना’ की स्थिति बनी हुई है. वहीं, मध्य एवं पूर्वी विषुवतीय प्रशांत सागर के ऊपर समुद्री सतह का तामपान सामान्य से नीचे है.
आईएमडी अप्रैल से जून तक के लिए दूसरा ग्रीष्मकाल पूर्वानुमान अप्रैल में जारी करेगा. मौसम विभाग के अनुसार देश में जनवरी न्यूनतम तापमान के लिहाज से 62 साल में सबसे अधिक गर्म महीना रहा. जाहिर है अभी से ही गर्मी ने अपनी रूप दिखाना शुरू कर दिया है.
तापमान में बढ़ोतरी की वजह
मौसम जानकारों के मुताबिक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में अगर कमी आती है तो तापमान में बढ़ोतरी देखी जाती है. जहां जनवरी और फरवरी के महीनों में 5-6 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखे जाते हैं. लेकिन इस बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की कमी से तापमान में बढ़ोतरी की वजह देखी जा रही है. इस बार अगर जानकारी के हिसाब से देखा जाए तो जनवरी में सिर्फ एक बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखा गया तो फरवरी में भी सिर्फ एक बार ही वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देखा गया. इसमें दिन के वक़्त आसमान साफ और तापमान ज़्यादा रहता है तो वही रात के वक़्त तापमान कम हो जाता है.
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