क्या मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है? क्या मौसम अनुमान से ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है? हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मार्च 2022 पिछले 122 वर्षों में अब तक का सबसे गर्म महीना रहा है. आमतौर पर भारत के अलग-अलग हिस्सों में मई और जून में दिखने वाली तेज गर्मी इस बार मार्च में ही महसूस की गई. ऐसे में एक ओर जहां मौसम विज्ञानी बढ़ती गर्मी से आनेवाले समय के तापमान को लेकर चिंतित हैं. वहीं आम आदमी तेज गर्मी से परेशान.


भारत के अधिकतर इलाकों में तेज गर्मी मई और जून महीने में रहती है, लेकिन इस बार मार्च महीने ने ही सब के पसीने छुड़ा दिए हैं. इस साल मार्च महीने में गर्मी कुछ ज्यादा ही रही. ऐसी खबरें देश के अलग-अलग इलाकों से आ ही रही थीं और अब मौसम विभाग ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. मौसम विभाग साल 1901 से तापमान के रिकॉर्ड रख रहा है और उसके अनुसार मार्च 2022 अब तक का सबसे गर्म मार्च महीना था. इससे पहले मार्च 2010 अब तक के सबसे गर्म मार्च महीने के तौर पर दर्ज था, लेकिन मार्च 2022 ने सभी पुराने रिकॉर्ड धराशाई कर दिए हैं.


मौसम विभाग की मानें तो मार्च 2010 में अधिकतम औसत तापमान 33.09 डिग्री सेल्सियस था, जबकि मार्च 2022 में अधिकतम औसत तापमान 0.01 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 33.10 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है.


2022 में लोग कोरोना की तीसरी लहर से मुक्त हुए ही थे, लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी वापस पटरी पर लौट रही थी कि तभी मार्च महीने में तेज गर्मी ने एक बार और आम आदमी की परीक्षा लेनी शुरू कर दी. मार्च महीने में देश के अलग अलग इलाकों में कई बार अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हुआ. ऐसे में 2022 में मार्च के तापमान ने 2010 के मार्च महीने में दर्ज अधिकतम तापमान के औसत का ऑल-टाइम एवरेज पार कर लिया है. नागपुर में तो इस बार मार्च में ही 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान रिकॉर्ड हुआ है. 


ऐसे में सालों से नागपुर में रह रहे और नागपुर की तेज गर्मी का अच्छा खासा अनुभव रखने वाले लोग भी परेशान हो गए हैं. सुबह आठ बजे से ही लू के थपेड़े महसूस किए जा रहे हैं. ऐसे में मार्च में आने वाली वसंत ऋतु इस बार कहां गायब हो गई ऐसा सवाल नागपुर के लोग पूछ रहे हैं.


रिकॉर्ड गर्मी के साथ मार्च तो बीत गया है, लेकिन अब मौसम वैज्ञानिक आने वाले तीन महीनों अप्रैल, मई और जून के तापमान को लेकर चिंतित हैं. साथ ही मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आने वाले सालों में लू की तीव्रता लगातार बढ़ती जाएगी. यानी आने वाले सालों में गर्मी और बढ़ेगी.


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