Weather Update Tomorrow: फिर करवट लेने वाला है मौसम, बारिश होने और ओले गिरने के आसार, जानिए कल का हाल
IMD Weather Update Tomorrow: मकर संक्रांति के बाद से मौसम का मिजाज भी बदल गया है. सोमवार को धूप निकलने से दिन के तापपान में बढ़ोतरी हुई. रात में शीतलहर के चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई.
IMD Alert: पिछले कुछ दिनों में मौसम ने अपने मिजाज में परिवर्तन किया है और आने वाले दिनों में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है. मौसम विभाग के मुताबिक, 18 जनवरी की रात से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की संभावना है जिसके चलते अगले 24 घंटे के दौरान पूरे देश में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है.
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर से लेकर भीषण शीत लहर की स्थिति जारी रह सकती है. हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अगले दो दिनों तक पाला पड़ सकता है. अगर पिछले 24 घंटों की अगर बात की जाए तो इस दौरान पहाड़ी राज्यों से लेकर समुद्री इलाकों में हल्की बारिश हुई. मैदानी इलाकों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई.
अगले हफ्ते की वेदर रिपोर्ट
दिल्ली सहित उत्तर पश्चिमी भारत में अगले सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ ओलावृष्टि होने का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. आईएमडी ने कहा कि एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 21 जनवरी से 25 जनवरी तक उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित कर सकता है.
ओलावृष्टि की संभावना
मौसम विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘इसके प्रभाव से, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 21 जनवरी के शुरुआती घंटों में बारिश या हिमपात शुरू होने और 23-24 जनवरी को चरम गतिविधि के साथ 25 जनवरी तक इसके जारी रहने की संभावना है.’’ मौसम विभाग ने कहा कि 23 और 24 जनवरी को जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम ओलावृष्टि होने की संभावना है.
50 किमी प्रति घंटे से चलेंगी हवाएं
इसने बताया कि 23-24 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है. दिल्ली में इस सर्दी के मौसम में अब तक कोई बारिश दर्ज नहीं की गई है. मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर और दिसंबर में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ बारिश न होने का कारण था.
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