नई दिल्ली: असम में बाढ़ से बस्तियों के हालात और बिगड़ गए हैं. राज्य के 13 जिलों में 3.18 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. कई लोगों की मौत भी हो गई है. वहीं, दक्षिण-पश्चिमी मानसून अपनी वापसी की सामान्य तारीख के 11 दिन बाद सोमवार को पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों से वापस चला गया.


असम में कोविड-19 संकट के बीच तीसरी बाढ़


असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 संकट के बीच तीसरी बार बाढ़ आई है. इससे 13 जिलों के 390 गांवों में 13,500 हेक्टर में लगी फसल डूब गई है. उन्होंने कहा कि नागांव जिले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है और धेमाजी जिले में एक व्यक्ति लापता है. राज्य में इस साल बाढ़ से अब तक 119 लोगों की मौत हो चुकी है.


उत्तर भारत में मानसून का हाल


मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि अगले दो से तीन दिन में राजस्थान-पंजाब के कुछ और हिस्सों और हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए अनुकूल स्थितियां बन रही हैं. मौसम विभाग ने कहा कि 28 सितंबर 2020 को पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून वापस चला गया. विभाग ने कहा कि अगले पांच दिनों में उत्तर भारत के हिस्सों में मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना है.


अधिकारियों ने कहा कि देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक चलता है. केरल में इस साल मानसून अपनी निर्धारित तिथि एक जून को पहुंचा. पूरे देश में यह सामान्य तिथि से लगभग एक पखवाड़े बाद 26 जून को पहुंचा.


इस साल देर से वापस गया है मानसून


संशोधित तारीख के अनुसार पूरे देश में मानसून पहुंचने की सामान्य तारीख अब आठ जुलाई है. इससे पहले यह 15 जुलाई थी. मानसून इस साल वापस भी देर से गया है. क्योंकि पिछले कई साल से मानसून देर से वापस जा रहा है, इसलिए मौसम विभाग को पश्चिमी राजस्थान से इसकी वापसी की तारीख में संशोधन कर इसे 15 से 17 सितंबर 2020 करना पड़ा.


मानसून जहां उत्तर भारत से वापस जा रहा है, वहीं देश के अन्य हिस्सों में अभी बारिश जारी रहेगी. मौसम विभाग के मुताबिक देश में 27 सितंबर तक सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई.


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