नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों पर अलग-अलग तरीके से मौसम की मार पड़ रही है. कहीं गर्मी ने तो कहीं बारिश और तूफान ने बुरा हाल कर दिया है. कर्नाटक के मैंगलोर में भारी बारिश में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. लोगों को नाव के सहारे बचाया जा रहा है. मकान, सड़कें सब जलमग्न हो गए हैं. वहीं, उत्तर भारत में गर्मी का कहर जारी है. मध्य प्रदेश के छतरपुर में तो गर्मी की वजह से पीने के पानी की किल्लत हो गई है.


कर्नाटक के मैंगलोर में तटीय इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. शहर के बीच में समंदर जैसे हालात बन गए हैं. लोगों को नाव के सहारे निकाला जा रहा है. गाड़ियां मकान डूबे हुए हैं. कम दबाव का क्षेत्र बन जाने से यहां भारी बारिश हुई. मौसम को देखते हुए यहां पहले ही छुट्टी का एलान कर दिया गया था.



झारखंड में बिजली गिरने से 5 की मौत


वहीं, झारखंड के रामगढ़ में तेज हवा के साथ भारी बारिश और ओले गिरे हैं. भारी बारिश से यहां लोगों को गर्मी से तो राहत मिल गई लेकिन बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई है.


जम्मू में तापमान 42 डिग्री के पार


जम्मू में गर्मी की वजह से लोगों का बुरा हाल है. जम्मू में तापमान 42 डिग्री के पार पहुंच गया है. हालांकि पहाड़ी इलाकों में ये तीस डिग्री से थोड़ा ही ज्यादा है, लेकिन जम्मू शहर में 42 डिग्री से ज्यादा तापमान और लू के गर्म थपेड़ों से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. लोग गर्मी से बचने के लिए तरह तरह के उपाय कर रहे हैं.


मैदानी इलाकों में गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना 


वहीं, इस बीच दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है. दक्षिणी तट पर मानसून के पहुंचने को ही देश में चार माह तक चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत माना जाता है. मौसम विभाग के मुताबिक देश में पिछले एक महीने से मौसम के रुख में लगातार महसूस किये जा रहे उतार चढ़ाव की वजह से इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून तय समय से तीन दिन पहले केरल पहुंच गया है.


भूभाग इलाकों में एक जून तक ही पहुंचेगा मानसून


हालांकि केरल के भूभाग इलाकों में मानसून एक जून तक ही पहुंचेगा. दक्षिण तट से देश में मानसून पहुंचने की पूर्व निर्धारित समय सीमा एक जून है और इसे पूरे देश में सक्रिय होने में डेढ़ महीने का समय लगता है. मौसम के पूर्वानुमान से जुड़ी निजी एजेंसी ‘स्काईमेट’ ने भी मानसून के सोमवार केरल पहुंचने की घोषणा की थी.



मानसून के आगमन संबंधी मानकों के मुताबिक, मौसम विभाग के देशव्यापी 14 केद्रों में से अगर 60 फीसदी केन्द्रों में 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिलीमीटर या उससे ज्यादा बारिश दर्ज की जाती है तब मानसून के आगमन की घोषणा की जा सकती है. इसके अलावा पछुआ हवा (पश्चिम से चलने वाली हवा) के समुद्र तल से 15000 फीट की ऊंचाई पर होना भी एक मानक है.


उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी

उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में एक बार फिर आंधी और तूफ़ान तबाही मचा सकती है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. आज 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से धूल भरी आंधी चल सकती है. तेज बारिश के साथ ओले पड़ने की भी आशंका जताई जा रही है.

मौसम विभाग ने बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, बलरामपुर और बिजनौर ज़िलों के लिए अलर्ट जारी किया है. योगी सरकार ने भी इन सभी ज़िलों के डीएम को जरूरी इंतजाम करने को कहा है.

मई के महीने में कई बार यूपी में आंधी और तूफ़ान दस्तक दे चुका है. कई लोगों की जानें जा चुकी है. कल भी आंधी तूफान ने उन्नाव, कानपुर और रायबरेली में तबाही मचाई थी, जहां दस लोगों की मौत हो गई.