नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि पिछले साल देश में आए चक्रवातों के कारण 115 लोगों और 17,000 से अधिक मवेशियों की जान चली गई. साल 2020 में उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में पांच चक्रवात बने. जिनमें अम्फान, निवार, गति, निसर्ग और बुरेवी शामिल रहे. निसर्ग और गति जहां अरब सागर से उठे तो वहीं बाकी तीन बंगाल की खाड़ी से उठे थे. इन चक्रवातों में अम्फान ने सबसे अधिक तबाही मचाई.


आईएमडी ने 'भारत की जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2020' में कहा कि अम्फान चक्रवात के कारण 90 लोगों और 4,000 से अधिक मवेशियों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर पश्चिम बंगाल के थे. इसके मुताबिक, मानसून के मौसम में आया निसर्ग बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान था और यह तीन जून को महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र से गुजरा था. इसके चलते महाराष्ट्र में चार लोगों और 2,000 मवेशियों की जान चली गई.


वहीं, बाकी तीन चक्रवात निवार, बुरेवी और गति मानसून के मौसम के बाद आए. निवार तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से गुजरा, जिसके चलते तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 12 लोगों और 10,836 मवेशियो की मौत हो गई. वहीं मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 1901 के बाद से 2020 आठवां सबसे अधिक गर्म वर्ष रहा लेकिन 2016 की सबसे अधिक गर्मी की तुलना में यह काफी कम रहा.


सबसे गर्म दशक


आईएमडी के मुताबिक गुजरे हुए दो दशक 2001-2010 और 2011-2020 भी सबसे गर्म दशक दर्ज किए गए. आंकड़ों के अनुसार 1901 के बाद से 15 सबसे ज्यादा गर्म वर्षों में 12 वर्ष 2006 से 2020 के दौरान रहे. इसके मुताबिक 1901-2020 के दौरान देश में औसत वार्षिक तापमान सामान्य में 0.62 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई.


विभाग ने कहा कि वर्ष के दौरान देश में औसत वार्षिक तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह आंकड़ा 1981-2010 के आंकड़ों पर आधारित है. आईएमडी ने कहा कि 1901 में देश भर के रिकार्ड रखने की शुरुआत हुई और उसके बाद से 2020 आठवां सबसे अधिक गर्म वर्ष रहा. हालांकि, यह 2016 के अधिकतम स्तर से काफी कम है. आईएमडी के रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे ज्यादा गर्म पांच वर्षों का क्रम 2016, 2009, 2017, 2010 और 2015 रहा.


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