Series On Sheena Bora Murder: शीना बोरा हत्याकांड पर बनेगी वेब सीरीज, केस के चलते कमिश्नर का हुआ था तबादला, नहीं सुलझी मिस्ट्री
Sheena Bora Murder Case: मुंबई में घटित शीना बोरा हत्याकांड पर वेब सीरीज बनने जा रही है. ये वेब सीरीज पत्रकार संजय सिंह की किताब ‘एक थी शीना बोरा’ पर आधारित है.
OTT Series On Sheena Bora Murder Case: मर्डर मिस्ट्री, सनसनीखेज़ वारदात, बड़े हादसों और ऐतिहासिक घटनाक्रमों पर वेब सीरीज का चलन है. देश की कई आपराधिक घटनाओं पर शानदार वेब सीरीज काफी पसंद की गई है. क्राइम वेब सीरीज की लिस्ट में मुंबई में घटित मशहूर शीना बोरा हत्याकांड पर भी वेब सीरीज बनने जा रही है. ये वेब सीरीज पत्रकार संजय सिंह की किताब ‘एक थी शीना बोरा’ पर आधारित है.
साल 2015 में घटित शीना बोरा हत्याकांड ने सारे देश को झकझोर कर रख दिया था. टीवी न्यूज़ और अख़बारों की खबरों में खोया सारा देश एक परिवार के जटिल रिश्तों के मकड़ जाल में उलझ कर रह गया था. पुलिस केस के मुताबिक इंद्राणी ने अपनी पहले पति सिद्धार्थ दास से पैदा हुई बेटी शीना बोरा का कत्ल अपने दूसरे पति (तलाकशुदा) संजीव खन्ना और ड्राईवर की मदद से कर दिया था क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि उसके तीसरे पति नामी उद्योगपति पीटर मुखर्जी की पहली शादी से हुई औलाद राहुल से उसके पहले पति से पैदा हुई बेटी शीना बोरा शादी कर ले.
इस केस मे एक नाना-नानी को...
दूसरे पति संजीव खन्ना से पैदा हुई बेटी को तीसरे पति पीटर ने गोद लिया हुआ था. कहानी के सारांश को सुनकर ही समझ आ गया होगा कि ये मामला कितना पेचीदा था और पारिवारिक रिश्तों की मकड़ जाल में कैसे हत्याकांड की वारदात रची गई. लेखक संजय सिंह कहते हैं, "इस केस मे एक नाना-नानी को अपने नाती-नातिन का मां-बाप बनकर रहना पड़ा. अपनी सगी मां को बच्चों को बड़ी बहन बुलाना पड़ा और एक शानदार करियर वाले सुपर-कॉप को जिल्लत भी इसी केस के वजह से देखनी पड़ी. इसमें सब कुछ था हाईसोसाइटी, मीडिया मुग़ल, राजनीति, पुलिस विभाग की अंदरूनी खींचतान, राष्ट्रीय स्तर करप्शन से लिंक, रिश्तों का मकड़ जाल और सबसे ज्यादा था उलझन.
एक अच्छी किताब और वेब सीरीज सबसे सरल और बढ़िया माध्यम है. सिल सिलेवार तरीके से पूरा घटनाक्रम को लोगों तक पहुंचाना सीरीज का मकसद है. बहुत कम बार ऐसा होता है कि किताब के ओटीटी राइट्स पहले बिक जाए और किताब बाद में छपे. ‘एक थी शीना बोरा’ किताब के साथ भी ऐसा ही हुआ. किताब उत्सव में चर्चा के दौरान लेखक संजय सिंह ने ये दिलचस्प जानकारी दी.
'किताब उत्सव' का आयोजन के वक्त...
हिन्दी के सबसे बड़े प्रकाशन समूह राजकमल के 75 साल पूरे होने पर देश के विभिन्न शहरों में 'किताब उत्सव' का आयोजन शुरू किया था. इसी कड़ी में मुंबई में आयोजित हुए 'किताब उत्सव' में गुलज़ार, जावेद अख्तर, पीयूष मिश्रा, सौरभ शुक्ला समेत कई जाने-माने साहित्यकारों ने शिरकत की. इसी दौरान हो रही चर्चा के दौरान संजय सिंह ने बताया कि इस किताब को लिखकर पूरी भी नहीं हुई थी कि एक जाने-माने प्रॉडक्शन हाउस ने उनसे किताब के अधिकार खरीद लिए.
लेखक संजय सिंह एक जाने माने खोजी पत्रकार हैं और देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थाओं में काम कर चुके हैं. हजारों करोड़ रुपये वाले तेलगी फर्जी स्टैम्प घोटाले का पर्दाफाश करने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है. उनकी तेलगी फर्जी स्टैम्प पेपर घोटाले पर लिखी गई किताब पर वाहवाही मनोरंजन ‘स्कैम2003 : तेलगी स्टोरी’ नाम से एक वेब-सीरीज बनाई है जिसकी स्ट्रीमिंग ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर जल्द शुरू होगी.
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