कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आने वाले वक्त में विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. वहीं इस चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. टीएमसी के कई बड़े नेता चुनाव से पहले टीएमसी का साथ छोड़ रहे हैं और बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. इस बीच टीएमसी के नेता और सांसद शांतनु सेन का कहना है कि बूथकर्मी पार्टी के लिए सबसे अहम काम करते हैं. काम करने से ही नेता बनते हैं. पेड़ से अचानक गिरकर नेता नहीं बनते हैं.


शांतनु सेन ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब बूथकर्मियों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश में जुटी हैं. वोट होता है वोट के दिन, सीपीएम के कैडर्स को ये पुरानी कहावत सबसे अच्छे से पता है. बंगाल में 81000 बूथ है, उसमें टीएमसी के कार्यकर्ताओं को सेट करना ही अब टीएमसी सबसे अहम मान रही है. नेताओं की भगदड़ से पार्टी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.


दूसरी तरफ बीजेपी ने भी पिछले कई दिनों से बूथस्तर पर कामकाज बढ़ा दिया है. बीजेपी के बड़े नेताओं की मानें तो इस बार 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम से बीजेपी को काफी फायदा भी मिला है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि बीजेपी जमीनी स्तर पर भी बिल्कुल तैयार है. उन्होंने कहा कि नेताओं तक ही मामला सीमित नहीं है, बल्कि बूथ स्तर भी अहम है.


हिरन चटर्जी छोड़ सकते हैं टीएमसी


वहीं अब माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के जाने माने अभिनेता और युवा तृणमूल के उपाध्यक्ष हिरन चटर्जी भी टीएमसी छोड़ सकते है. पश्चिम बंगाल में युवा तृणमूल के उपाध्यक्ष हिरन चटर्जी भी अब टीएमसी का दामन छोड़ सकते हैं. इसको लेकर हिरण चटर्जी ने एबीपी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'बीजेपी से बात हो चुकी है. समझने की कोशिश कर रहा हूं कि मेरा वहां क्या रोल होगा? सब सही रहा तो शामिल हो सकता हूं.'


हिरन चटर्जी पहले भी बीजेपी में शामिल हो सकते थे. इसको लेकर उन्होंने कहा, 'दिल्ली में शनिवार को भी शामिल हो सकता था लेकिन मुझे थोड़ा समय चाहिए. टीएमसी में मुझे सिर्फ चुनावी प्रचार के दौरान चेहरा बनाया गया, चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव लेकिन बाद में कोई धन्यवाद तक भी नहीं कहा.'


हिरन ने टीएमसी छोड़ने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा, 'जहां सम्मान मिलेगा मैं वहीं जाना चाहता हूं. सिर्फ प्रचार के लिए नहीं बल्कि काम के लिए जाना चाहता हूं. सिर्फ चुनाव के समय कहा जाता है कि इधर जाइए, उधर जाइए. चुनाव के बाद कोई धन्यवाद तक भी नहीं कहते है. ये सब करते-करते मैं थक चुका हूं. बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टियों से भी बात हुई है.'


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