Tijala Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के तिलिजला इलाके में 7 साल की मासूम बच्ची की मौत के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एक्शन में आ गया है. इस मामले को लेकर एनसीपीसीआर ने चिंता जताते हुए राज्य के डीजीपी को एक नोटिस जारी करके 48 घंटे के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
आयोग के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने सोमवार (27 मार्च) को एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि कोलकाता में 7 साल की बच्ची मौत के मामले में संज्ञान लिया है. हम राज्य के डीजीपी और सीपी को एक नोटिस जारी कर रहे हैं. जल्दी ही जांच के लिए टीम भी बनाई जाएगी.
क्या है नोटिस में?
नोटिस में आयोग ने कहा, “कोलकाता के तिलिजला इलाके में एक सात साल की बच्ची का कथित तौर पर शव उसके पड़ोसी के घर पर बरामद हुआ जिसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया. पुलिस अधिकारियों ने आरोपी आलोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया जिस पर मानव बलि के नाम पर बच्ची की हत्या का आरोप है. इस घटना के सामने आने के बाद परिवार और आसपास के लोगों ने लड़कों पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम कर दिया.”
इसलिए आपसे निवेदन है कि मामले की जांच करके संबंधित तथ्यात्मिक रिपोर्ट इस चिट्ठी के जारी होने के 48 घंटे के अंदर पेश की जाए. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी नोटिस दिया है. इसके साथ ही एक प्रतिनिध मंडल मामले की विस्तृत जानकारी लेगा.
क्या है मामला?
दरअसल, 7 साल के एक लड़की की कथित तौर पर रविवार ( 26 मार्च) को दक्षिण कोलकाता के तिलिजला स्थित अपने घर से लापता हो गई थी. पुलिस को उसका शव तिलिजला स्थित घर के पास बोरे में मिला था, जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. इस मामले में एक पड़ोसी को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर तिलिजला पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि लापता लड़की की तलाश में पुलिस ने देरी की है.
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