केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन की कार पर पश्चिम मिदनापुर जिले के पंचकुरी गांव में हमले के मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 3 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया गया है. मुरलीधरन ने ट्विटर पर आरोप लगाया था कि उनके काफिले पर हमले में ‘टीएमसी के गुंडों’ का हाथ है.
मुरलीधरन ने कहा, “मैं पश्चिम मिदनापुर में पार्टी के उन कार्यकर्ताओं से मिलने गया था जिन पर हमला किया गया है और जिनके घरों में तोड़फोड़ की गई है. मैं अपने काफिले के साथ एक घर से दूसरे घर जा रहा था और तभी लोगों का एक समूह अचानक हमारी ओर बढ़ने लगा तथा हमला कर दिया.” मंत्री ने बताया था कि मैं सुरक्षित हूं, लेकिन मेरा चालक जख्मी हो गया और कुछ कारों की खिड़कियां टूट गईं.
पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद हमला हुआ
मंत्री के साथ मौजूद बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद हमला हुआ.केन्द्रीय गृहमंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी गोविंद मोहन आज सुबह 10 बजे राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे.
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 4 सदस्यीय टीम बंगाल भेजी
वहीं बंगाल की नवगठित सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय के बीच एक बार फिर तलवारे खींच सकती हैं क्योंकि बंगाल में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है और दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे अति गंभीर मानते हुए जहां अपनी 4 सदस्य टीम पश्चिम बंगाल के जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए भेज दी है वहीं दूसरी तरफ मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से कानून व्यवस्था पर रिपोर्ट तलब की है.गृह मंत्रालय की 4 सदस्य टीम वापस लौट कर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को देगी जिसके आधार पर मंत्रालय कुछ कडे फैसले ले सकता है .
जेपी नड्डा ने केंद्रीय विदेश मंत्री पर हुए हमले की निंदा की
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन पर हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘पश्चिम मिदनापुर में केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन जी के क़ाफ़िले पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया हमला बहुत ही निंदनीय है. मैंने कल ही कहा था कि बंगाल में लॉ एंड आर्डर पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है.’’
बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हो रहे हैं हमले- नड्डा
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से पूरे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस प्रायोजित हिंसा चरम पर है और वहां लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले हो रहे हैं. उन्होंने पूछा, ‘‘जहां भारत सरकार के मंत्री पर हमला हो जाए, वहां आम जनता की क्या स्थिति होगी? एक अन्य ट्वीट में नड्डा ने कहा कि जब हजारों लोग जान बचाने के लिए राज्य से पलायन कर रहे हैं और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, ‘‘तब अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकार’’ की वकालत करने वाले ग़ायब हैं.
हिंसा में मारे गए कार्यकर्ताओं के परिवार को 2 लाख रुपये सहायता राशि
इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा में 16 लोगों की जान चली गई. इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार के लिए दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की. बनर्जी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि उनकी सरकार पिछले महीने कूचबिहार के सीतलकूची इलाके में सीएपीएफ की गोलीबारी में मारे गए सभी पांच व्यक्तियों में से प्रत्येक के परिवार के एक सदस्य को होमगार्ड की नौकरी देगी.उन्होंने कहा कि एक सीआईडी टीम ने 10 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार में गोलीबारी की घटना की जांच शुरू की है.
बनर्जी ने कहा, "चुनाव के बाद की हिंसा में कम से कम 16 व्यक्तियों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता और संयुक्त मोर्चा के एक कार्यकर्ता शामिल हैं. हम उनके परिवार के सदस्यों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देंगे. हमारी सरकार सीतलकूची घटना के मृतकों के परिजन को होम गार्ड की नौकरी भी देगी."
केंद्रीय नेताओं पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया
वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवा पार्टी के लोगों ने अभी तक जनादेश को स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने केंद्रीय नेताओं पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मुख्यमंत्री के रूप में मेरे शपथ लेने के 24 घंटे भी नहीं बीते हैं और पत्र मिलने लगे हैं, एक केंद्रीय टीम पहुंची है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बीजेपी ने अभी तक आम लोगों के जनादेश को स्वीकार नहीं किया है. मैं भगवा पार्टी के नेताओं से जनादेश को स्वीकार करने का अनुरोध करूंगी." बनर्जी ने कहा, "कृपया हमें कोविड की स्थिति से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने दें. हम किसी तकरार में नहीं फंसना चाहते."
ये भी पढ़ें