West Bengal: पूर्व टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर एसोसिएशन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) की पूर्व महासचिव बैसाखी बनर्जी ने पार्थ चटर्जी के कई राज़ खोले. AbP से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि अर्पिता मुखर्जी के अलावा, पार्थ चटर्जी भी मोनालिसा दास के साथ रिश्ते में थे. शिक्षक नियुक्ति घोटाले में अपनी करीबी अर्पिता मुखर्जी के साथ पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी गिरफ्तार हैं. 


बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी 'करीबी दोस्त' अर्पिता मुखर्जी करोड़ों रुपये के एसएससी भर्ती घोटाला मामले में अपनी संलिप्तता के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता मुखर्जी से जुड़े कई स्थानों से 50 करोड़ रुपये से अधिक नकद और 4.31 करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद किया है. दोनों अब ईडी की हिरासत में हैं.


जहां दोनों को लेकर काफी खबरें सामने आ रही हैं, वहीं हाल ही में इस मामले में एक और नाम मोनालिसा दास का नाम भी सामने आया है. मोनालिसा दास एक विश्वविद्यालय की प्रोफेसर हैं जिन्हें पार्थ चटर्जी की एक और करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है.


ईडी के छापे के दौरान, यह पाया गया है कि पार्थ चटर्जी के पास बड़ी संख्या में फ्लैट हैं, जिनमें से कई उन्होंने अर्पिता मुखर्जी और मोनालिसा दास सहित अपने 'करीबी सहयोगियों' को उपहार में दिए हैं. अर्पिता चटर्जी ने ईडी को बताया है कि पार्थ चटर्जी ने उनके फ्लैट का इस्तेमाल 'मिनी बैंक' के तौर पर किया था. माना जा रहा है कि मोनालिसा दास को गिफ्ट किए गए फ्लैट्स का इस्तेमाल भी इसी मकसद से किया गया था. कथित तौर पर मोनालिसा के नाम 10 फ्लैट मिले हैं. मोनालिसा दास काजी नजरूल विश्वविद्यालय, आसनसोल में बंगाली प्रोफेसर हैं.


पार्थ चटर्जी मोनालिसा दास के साथ रिश्ते में थे: पूर्व टीएमसी नेता बैसाखी बनर्जी


बैसाखी ने याद किया कि कैसे एक बार, WBCUPA महासचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, कॉलेज के कुलपति की पत्नी, जहां मोनालिसा दास एक सहायक प्रोफेसर थीं, ने उनसे बाद के बारे में शिकायत की थी. "मोनालिसा के बारे में मुझे एक कुलपति की वाइफ ने बताया कि पार्थ चटर्जी की जो गर्लफ्रेंड है मोनालिसा, उन्होंने मेरी जिंदगी खराब कर दी तो मैं सुनकर आश्चर्य चकित थी औरत गर्लफ्रेंड से मैं तंग रह गई थी. मैंने तर्क करते हुए पूछा उनसे कि उनका चरित्र हो तो बहुत साफ है वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे मगर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पास ठोस सबूत है और इस लड़की ने मेरा जीना हराम किया हुआ है.


सबूत के तौर पर उन्होंने मुझे उस वी सी के चैट दिखाएं तो मुझे पता चला कि वह उस महाविद्यालय की प्रोफेसर हैं मगर वी सी के तौर पर रहती हैं और मैंने उनका फेसबुक देखा तो मुझे मालूम पड़ा कि वह बड़ी-बड़ी हस्तियों के साथ जुड़ी हुई हैं और तृणमूल के आसनसोल वाले भेंट में वह वहां जरूर मौजूद रहती थी, तो इससे मालूम पड़ा की वो राजनीति से जुड़े हुए है. मैंने पार्थ चटर्जी से एक बार पूछा था कि मोनालिसा है कौन, दोनों ने मुझे कहा कि वह सीएम कैंडिडेट है मगर वह उनकी कैंडिडेट थी, और उनको इतना बढ़ावा दे चुके थे कि वह पूरी महाविद्यालय को चला रही थी और लोग बताते हैं कि वह पैसे भी उठाती थी. उन्होंने अपनी खुद की विशेषज्ञ समिति भी बना रखी थी. तो इससे साफ जाहिर है की पार्थ दा उन्हें बहुत बढ़ा के रखे थे." 


गाड़ियों के शौकीन है पार्थ चटर्जी


बैशाखी की माने तो पार्था हमेशा ही नई गाड़ियों के बारे में बात किया करते थे और उन्होंने बताया की जितना मैं उन्हें जानती हूँ उन्हें गाड़ियों का बहुत शौक है, वह कहते थे कि मुझे यह गाड़ी खरीदनी है मुझे वह गाड़ी खरीदनी है तो मैं उन्हें कहती थी कि आप तो केवल स्कॉर्पियो में ही सफर करते है फिर इतनी गाड़ियों को का क्या करतें हो? फिर मुझे किसी ने बताया की पार्थ दा एक दूरी तक अपनी स्कॉर्पियो से जाते थे फिर उसके बाद वह गाड़ी बदल लेते थे और अर्पिता की गाड़ी में बैठ जाते थे या मोनालिसा की गाड़ी में. गाड़ियों का बहुत शौक है उन्हे मगर मुझे यह बात समझ नहीं आती थी कि वह खरीदते हैं तो रखते कहां है, मगर अब समझ में आ गया. बहुत से जिलों से ऐसी खबर आ रही है की उनके खास लोग ही सब संभाल रहे थे. तो ये सब मिलके, हालात ऐसे थे की, एक वरिष्ठ और बुजुर्ग नेता होने के चलते सब उनका कहा सुनते थे."


बंगाल में फिल्म सिटी बनाना चाहती थी अर्पिता


पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी ने फिल्म सिटी बनाने की योजना के साथ पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में एक जमीन खरीदी थी, ईडी सूत्रों ने बताया. ईडी सूत्रों से मालूम पड़ी खबर पर मोहर लगाते हुए पश्चिम बंगाल कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर एसोसिएशन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) की पूर्व महासचिव बैसाखी बनर्जी न बताया की "जो छोटे-छोटे शहरों से आते हैं हजारों ख्वाहिशें लेकर आते हैं. एक C वर्ग की अभिनेत्री और उनके पास बरामद के इतने पैसे कहां से आए उसका कोई हिसाब नहीं. हम फिल्म सिटी के बारे में सुन रहे थे जो चिटफंड के पैसों से बनाया जा रहा था जिसका काम अभी रोका गया है.


काफी दुखद बात है कि मनोरंजन वाली दुनिया का भ्रष्टाचार से अलग नाता बनता जा रहा है. हम लोग बार-बार सुन रहे थे की टॉलीवुड के साथ काले धन और अपराधी वर्ग का कोई संबंध है. अर्पिता अपने ख्वाब के बारे में बता रही थी कि "वह एक फिल्म सिटी बनाएंगी", कुछ ज्यादा ही सोच लिया था उन्होंने अपने बारे में. उन्हें लगा कि पार्थ चटर्जी की मदद से वह यह सब कर लेंगी, इसलिए फिल्मी दुनिया में ना जाकर उन्होंने अपनी खुद की फिल्म सिटी बनाने का ख्वाब देखा."


कौन हैं बैसाखी बनर्जी बैसाखी?


बनर्जी ने टीएमसी के प्रोफेसर सेल के महासचिव के रूप में कार्य किया, जिसे पश्चिम बंगाल कॉलेज और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर एसोसिएशन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) के रूप में जाना जाता है. उन्होंने 2016 के अंत से 2017 के अंत तक एसोसिएशन के महासचिव के रूप में कार्य किया. उन्होंने 2019 में भाजपा में शामिल होने तक टीएमसी में सेवा की थी. उन्होंने 2021 में भाजपा भी छोड़ दी.


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