पश्चिम बंगाल समेत देश के पांच राज्यों में छह अप्रैल को विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग होगी. ये राज्य हैं असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल. बंगाल में चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 31 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस चरण में 78 लाख 50 हजार वोटर रजिस्टर्ड हैं जो 205 प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला करेंगे. इनमें से 39,93,280 पुरुष, 38,58,902 महिला वोटर्स हैं. बंगाल में सुबह 7 से शाम 6.30 बजे तक वोटिंग होगी.
तीसरे चरण में बंगाल के बड़े चेहरे
यहां पर तीसरे चरण के चुनाव के लिए 618 कंपनियों को 10 हजार 871 केन्द्रों पर तैनात किया गया है. इस चरण के दौरान बीजेपी के स्वप्न दासगुप्ता, टीएमसी के आशिमा पात्रा और सीपीएम के कांति गांगुली प्रुख नेता हैं. सभी 31 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान स्वास्थ्य नियमों का कड़ाई से पालन कराकर कराया जाएगा. इन 31 विधानसभा क्षेत्रों में 16 दक्षिण 24 परगना (पार्ट टू), सात हावड़ा (पार्ट वन) और आठ हुगली (पार्ट वन) में हैं. राज्य में 2016 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने इन 31 में से 30 सीटें जीती थीं और कांग्रेस हावड़ा जिले की अमता विधानसभा सीट ही जीत पायी थी.
असम में तीसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग
असम विधानसभा चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के लिए 6 अप्रैल को 40 सीटों पर वोटिंग होगी. तीसरे चरण में नेडा के संयोजक और राज्य के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित 337 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में सील हो जाएगा. बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के 3 सहित 12 जिलों की इन सीटों पर वोटिंग होगी. तीसरे चरण के दौरान असम के चुनावी मैदान में 25 महिला प्रत्याशी भी हैं.
केरल में 140 सीटों पर वोटिंग
केरल में मंगलवार को 140 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी. यहां के चुनावी मैदान में कुल 957 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 2 करोड़ 74 लाख वोटर्स करेंगे. इनमें से 1 करोड़ 32 लाख 83 हजार 724 पुरूष वोटर्स हैं जबकि महिला वोटर्स की संख्या 1 करोड़ 41 लाख 62 हजार 25 है. परंपरागत गठबबंधन- माकपा नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के कई मौजूदा विधायक छह अप्रैल को होने जा रहे चुनाव में फिर से जीत पाने की उम्मीद में हैं.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा, देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन, ऊर्जा मंत्री एम एम मणि और उच्च शिक्षा मंत्री के के जलील उन प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं, जो सत्तारूढ़ पक्ष से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यूडीएफ से मैदान में उतरे प्रमुख विपक्षी नेताओं में रमेश चेन्नीथला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, वरिष्ठ नेता - के मुरलीधरण, पी टी थॉमस और तिरुवंचूर राधाकृष्णन शामिल हैं.
यह चुनाव भाजपा के भी कई नेताओं के लिए अहम है जिनमें मिजोरम के पूर्व राज्यपाल के राजशेखरन, हाल में भगवा पार्टी में शामिल हुए ‘मेट्रोमेन’ ई श्रीधरण, प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन, वरिष्ठ नेता शोभा सुरेंद्रन, राज्यसभा के सदस्य - सुरेश गोपी और के जे अल्फोंस समेत अन्य के नाम शामिल हैं.
तमिलनाडु में जोरदार मुकाबला
तमिलनाडु में पहले और आखिरी चरण के लिए छह अप्रैल को वोटिंग होने जा रही है. राज्य की 234 सीटों के लिए 3998 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. चुनाव में 6 करोड़ 28 लाख वोटर्स उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगे. चुनाव में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, एएमएमके संस्थापक टी टी वी दिनाकरण, अभिनेता एवं मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन, नाम तमीझार काच्ची के नेता सीमान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एल मुरूगन समेत 3998 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
यह चुनाव तय करेगा कि क्या सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता में वापसी होगी या फिर एक दशक बाद द्रमुक सत्ता में लौटेगी. अपनी आखिरी अपील में पलानीस्वामी ने ‘अम्मा शसन’ की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए वोट मांगा. उनकी पार्टी भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है. द्रमुक नेता स्टालिन ने मतदाताओं से पार्टी नीत सेकुलर प्रोग्रेसिव एलायंस के लिए एक मौका मांगा. द्रमुक 2011 से विपक्ष में है.
पुडुचेरी में किसकी सरकार
पुडुचेरी में 30 विधानसभा सीटों के लिए 324 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. निर्वाचन आयोग और आदर्श आचार संहिता के निर्देशों के मद्देनजर स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने के लिए यह आदेश जारी किया गया है.
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