West Bengal Assembly Introduced Resolution: मणिपुर हिंसा का मामला बीते तीन महीनों से सुर्खियों में है. विपक्ष लगातार केंद्र और मोदी सरकार से जवाब मांग रहा है. प्रधानमंत्री मोदी से मणिपुर मामले में सदन में बोलने की मांग की जा रही है. इस बीच बंगाल विधानसभा में मणिपुर पर एक प्रस्ताव पेश हो गया है. इसके बाद सदन में बीजेपी विधायकों को बोलने का मौका भी दिया गया. 


बीजेपी विधायक शंकर घोष ने कहा, बंगाल की सरकार कितनी गंभीर है ये इससे पता चलता है कि इसका समय कम कर दिया गया है. पहले दो घंटे का समय दिया गया था जिसे सदन की सहमति से एक घंटा किया गया था. 


वहीं बीजेपी के हिरनमय चट्टोपाध्याय ने कहा, टुकड़े-टुकड़े गैंग और INDIA बराबर है. मणिपुर पर चर्चा हो रही है तो फिर राजस्थान पर चर्चा क्यों नही हो रही है. आपको अपना राज्य नहीं दिख रहा है. ममता बनर्जी को मणिपुर, यूपी, महाराष्ट्र, असम दिख जाता है लेकिन बंगाल की हिंसा नहीं दिखती है.


'मणिपुर एक दूसरे राज्य और विधानसभा का मामला'


बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, 'मणिपुर एक दूसरे राज्य और विधानसभा का मामला है. जब वहां पर कोई समस्या होगी तो संसद मे इसपर बहस हो सकती है लेकिन किसी राज्य को अधिकार नहीं है कि वो इसपर बहस कर सके. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इसपर सुनवाई हो रही है. ये आपने राजनीतिक फायदे के लिए किया है. सिर्फ INDIA लिख देने से ही इंडिया नहीं हो जाता है. 2021 से लेकर अभी तक जो मौत हुई है उसपर कभी चर्चा नहीं हुई है.'


इसके बाद ममता बनर्जी ने भी विधानसभा में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "Dont talk like rubbish. बीजेपी को कोई कुछ नहीं बोल सकता. मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता किया जा रहा है और भारत जल रहा है. बीजेपी बेटी जलाओ और बेटी हटाओ कर रही है. मुझे बीजेपी से ज्ञान नहीं चाहिए."


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